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सरसों-सोयाबीन तेल की कीमतों में सुधार

soya oil

तेल

नई दिल्ली| इंदौर की संयोगितागंज अनाज मंडी में शुक्रवार को मूंग 100 रुपये एवं उड़द के भाव 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी लिए रहे। वहीं  चना दाल 50 रुपये और मसूर की दाल 50 प्रति क्विंटल सस्ती बिकी। जबकि दिल्ली मंडी में सीपीओ में गिरावट दर्ज की गई तो सरसों, सोयाबीन सहित बाकी तेल तिलहन कीमतों में सुधार देखा गया।

बता दें सरकार द्वारापाम तेल (सीपीओ) पर आयात शुल्क को घटाने के फैसले के बाद शुक्रवार को दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में कच्चा पामतेल (सीपीओ) की कीमत में 200 रुपये प्रति क्विन्टल की गिरावट आई जबकि पूरे विश्व में हल्के तेलों की मांग बढ़ने के बीच यहां सरसों सहित अन्य सभी तेल कीमतों में सुधार दर्ज हुआ।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि सरकार ने 26 नवंबर को सीपीओ के आयात शुल्क को 37.5 प्रतिशत से घटाकर 27.5 प्रतिशत कर दिया, जिससे सीपीओ के भाव में गिरावट आई। सूत्रों ने कहा कि आयात शुल्क में की गई इस कमी का उपभोक्ता या किसी अन्य को कोई फायदा नहीं मिला क्योंकि मलेशिया में इस तेल के दाम उसी अनुपात में बढ़ा दिए गए।

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दूसरी ओर हर पखवाड़े जिस आयात शुल्क मूल्य का निर्धारण किया जाता है उसमें सीपीओ के आयात शुल्क मूल्य को 847 डॉलर से बढ़ाकर 904 डॉलर प्रति टन कर दिया गया है। जबकि सोयाबीन डीगम का आयात शुल्क मूल्य 957 डॉलर से बढ़ाकर 1,067 डॉलर प्रति टन किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से आयातक खुश हैं क्योंकि इस बार इसे बाजार भाव के हिसाब से बढ़ाया गया है।

सूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश में बीज के रूप में इस्तेमाल के लिए माल महाराष्ट्र लिया जा रहा है, जिसके कारण सोयाबीन का बाजार सुधरा है। दूसरी ओर विदेशों में सोयाबीन खली की निर्यात मांग बढ़ने से भी यहां सोयाबीन दाना सहित इसके तेल कीमतों में सुधार आया।  उन्होंने कहा कि सोयाबीन डीगम तेल के महंगा होने के कारण देश में सरसों तेलों की मांग बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि इसका उपभोक्ताओं के लिए एक और फायदा यह है कि सरसों में अब सोयाबीन डीगम से तैयार होने वाले सोया डीयो तेल की ‘ब्लेंडिंग रुकेगी क्योंकि सोयाबीन डीगम, सरसों तेल के मुकाबले महंगा बैठ रहा है।

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