गंगा दशहरा पर रविवार को नमामि गंगे की टीम ने दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा का विधिवत पूजन अर्चन कर आरती उतारी।
संयोजक राजेश शुक्ला ने मां गंगा के पूजन के बाद लोगों से गंगा घाटों को स्वच्छ रखने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि अविरल गंगा के संकल्पों में जनभागीदारी की भूमिका महत्वपूर्ण है। अब गंगा को बचाने की जिम्मेदारी हमारी है।
उन्होंने कहा कि सदियों से अविरल गंगा भारत के हजारों साल की परम्परा और सभ्यता की झांकी प्रस्तुत करती रही है। गंगा केवल एक नदी नहीं है। गंगा हमारे वेदों में हैं, गंगा इतिहास में, गंगा साहित्य में, गंगा हमारी फिल्मों में, गंगा क्रियाविधि में, भारतीय जनमानस के जीवन में सर्वत्र गंगा व्याप्त हैं।
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उन्होंने कहा कि आज गंगा दशहरा के दिन स्वर्ग से मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। इस पवित्र दिन पर मां गंगा के अविरलता के लिए हमें सकल्प लेना होगा। सरकार के साथ-साथ हम सभी का गंगा के प्रति जो सरोकार है उसे समझना और ईमानदारी से निभाना होगा। भारत के प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ और निर्मल गंगा तथा पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान देना होगा। तभी हम गंगा जैसी जीवनदायिनी नदी को बचाने में सफल हो पाएंगे।