देश भर में सोमवार को जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई गई। भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की धूम कश्मीर से कन्याकुमारी तक देखने को मिली। कोरोना काल में कान्हा की नगरी मथुरा में अलग ही नजारा देखने को मिला। नंदलला के दर्शन के लिए देशभर के तमाम मंदिरों में लोगों अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली।
भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की आधी रात को मथुरा के कारागार में वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था। श्रीकृष्ण के जन्म की इसी शुभ घड़ी का उत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया।
द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया था। अष्टमी तिथि को रात्रिकाल अवतार लेने का प्रमुख कारण उनका चंद्रवंशी होना है। श्रीकृष्ण चंद्रवंशी, चंद्रदेव उनके पूर्वज और बुध चंद्रमा के पुत्र हैं। इसी कारण चंद्रवंश में पुत्रवत जन्म लेने के लिए कृष्ण ने बुधवार का दिन चुना।
#WATCH | Janmashtmi celebrations underway amid music with devotees showering flowers cheering the birth of Lord Krishna at Krishna Janmasthan Temple in Mathura pic.twitter.com/IZOYYuhhTV
— ANI UP (@ANINewsUP) August 30, 2021
श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर जंहा मथुरा और वृन्दावन में धूमधाम से जन्माष्टमी मनाई जाती है। वहीं, कृष्ण का ससुराल भी इस दिन पीछे नहीं रहता है। कुदरकोट में भी यह पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। अपने प्रिय दामाद का जन्मदिन मनाने की वजह से इस जगह को खास पहचान मिली हुई है।
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले का कुदरकोट कस्बा कृष्ण की ससुराल के रूप में जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, औरैया का कुदरकोट कस्बा द्वापर युग के समय कुन्दनपुर नाम से जाना जाता था। कुंदनपुर देवी रुक्मणी के पिता राजा भीष्मक की राजधानी हुआ करती थी और रुक्मणी यहां माता गौरी की पूजा करने प्रतिदिन एक मंदिर आती थीं।
कृष्णोत्सव पर सीएम योगी मथुरा पहुंचे। उन्होंने भगवान नंदलला के दर्शन किए। जन्माष्टमी के पर्व पर उन्होंने भगवान की पूजा-अर्चना की और लोगों को संबोधित भी किया। सीएम योगी ने बांके-बिहारी की पूजा की और उन्हें पुष्प भी अर्पित किया। इस दौरान उन्होंने मंदिर के पुजारियों से भी मुलाकात की। मंदिर के पुजारियों ने उनका स्वागत किया।