वाशिंगटन। वाशिंगटन में नासा मुख्यालय में विज्ञान के लिए एसोसिएट प्रशासक थॉमस ज़ुर्बुचेन ने कहा कि मंगल ग्रह से नमूनों को पृथ्वी पर लाना अंतरिक्ष युग के शुरुआती दिनों से ग्रहों के वैज्ञानिकों का एक लक्ष्य रहा है। इस एमएसआर की सफलता इस लक्ष्य को वास्तविकता में बदलने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
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नासा ने कहा कि मंगल के नमूनों को पृथ्वी पर वापस लाने से दुनिया भर के वैज्ञानिकों को परिष्कृत उपकरणों का उपयोग करके मंगल के नमूनों की जांच कर पाएंगे। पृथ्वी पर नमूने का आकलन करके विज्ञान समुदाय नए सिद्धांतों और मॉडलों का परीक्षण कर पाएगी। मार्स सैंपल रिटर्न अभियान भी नासा द्वारा मंगल ग्रह पर मनुष्यों को भेजने के प्रयासों को आगे बढ़ाता है।
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नासा मंगल ग्रह की सतह के नमूनों को इकट्ठा करके पृथ्वी पर लाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए उसने मार्स सैंपल रिटर्न (MSR) मल्टी-मिशन एफर्ट के अगले चरण को मंजूरी दे दी है। इस फेज के दौरान इस चरण के दौरान, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को तैयार करेगा और डिजाइन को लेकर निर्णय लिया जाएगा। साथ ही साथ उद्योग की भागीदारी का भी आकलन होगा। नासा ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। इस अभियान का पहला प्रयास प्रगति पर है।
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रोवर अपने रोबोटिक आर्म की मदद से मंगल ग्रह के टूटे हुए पत्थर और धूल के नमूने इकट्ठा करेगा। उन्हें कलेक्शन ट्यूब में जमा कर देगा। रोवर इन नमूनों को सतह पर निर्देशित स्थानों या अंदर भी जमा कर सकता है। एमएसआर अभियान के अगले चरणों में रोवरइकट्ठा किए गए सैंपल को लैंडर तक पहुंचाएगा। पर्सिविरेंस रोवर कलेक्शन ट्यूब को लैंडर तक पहुंचाने की एक संभावित क्षमता भी प्रदान करता है।