राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले से फरवरी 1998 में चुराई गई नटराज की मूर्ति भारत वापस आने वाली है। इसे घाटेश्वर मंदिर से चुराई गई थी, जो 2005 में लंदन से बरामद हुई थी। नटेश शिव की मूर्ति गुरुवार 30 जुलाई को भारत वापस आ रही है। ये मूर्ति 9वीं शताब्दी की है, जो गुरुवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को मिलेगी।
अधिकारियों ने बताया कि साल 2003 में ही ब्रिटिश अथॉरिटी को इस बात की सूचना दे दी गई थी कि मूर्ति चुराकर ब्रिटेन लाई गई है। जिसके बाद उन्होंने प्राइवेट मूर्ति कलेक्टर से बात की थी। जिनके पास ये मूर्ति थी। उन्होंने स्वेच्छा से ही साल 2005 में ये मूर्ति भारतीय उच्चायोग को सौंप दी थी।
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इस मूर्ति को इंडिया हाउस के अंदर प्रमुखता से डिस्पले किया गया है। साल 2017 में ASI की एक्सपर्ट टीम ने इस बाक की पुष्टि की ये वहीं मूर्ति है जो बरोली गांव के घाटेश्वर मंदिर से चोरी हुई थी।
भारत द्वारा हाल ही में बरामद की गई वस्तुओं में 17 वीं शताब्दी की नवनीत कृष्ण की कांस्य मूर्ति और दूसरी शताब्दी में बना चूने पत्थर का नक्काशीदार स्तंभ की आकृति शामिल है, जिसे 15 अगस्त, 2019 को अमेरिकी दूतावास द्वारा लौटाया गया था।
इसके अलावा 15 अगस्त, 2018 को स्कॉटलैंड यार्ड द्वारा 12वीं शताब्दी की बुद्ध की कांस्य प्रतिमा और एक ब्रम्हा-ब्राह्मणी मूर्ति, जो गुजरात की वर्ल्ड हेरिटेज साइट रानी की वाव से चुराई गई थी। वह भी एएसआई को 2017 में वापस सौंपी गई थी।