नई दिल्ली: राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक हृषिकेश सेनापति ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) पर अमल का सूत्र वाक्य ‘नेशन फर्स्ट- करेक्टर मस्ट’ होगा और इसके अनुरूप पाठ्यक्रम ढांचा, पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक तैयार करने की सम्पूर्ण प्रकिया वर्ष 2023-24 तक पूरी कर ली जायेगी। एनसीईआरटी के निदेशक हृषिकेश सेनापति ने यहा कहा है की ‘नई शिक्षा नीति के अमल का सूत्रवाक्य ‘नेशन फर्स्ट- करेक्टर मस्ट’ तय किया गया है। यानी नई पीढ़ी को अब जो भी पढ़ाया जाएगा उसमें राष्ट्रीय हित के साथ चरित्र निर्माण पर भी फोकस रहेगा।
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उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में बदलाव की एक लंबी प्रक्रिया है और सभी बिन्दुओं एवं मुद्दों पर विचार करते हुए। किताबों को अंतिम रूप देने में कम से कम तीन साल का समय लग सकता है। उन्होंने कहा है की ‘‘ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम ढांचा, सिलेबस और पाठ्यपुस्तक तैयार करने की सम्पूर्ण प्रकिया एवं कार्य वर्ष 2023-24 तक पूरा कर ली जाएगी। सेनापति ने कहा की एनसीईआरटी ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (एनसीएफ) तैयार करने के लिये जमीनी रूप से काम शुरू कर दिया है। एनसीएफ को पाठ्यक्रम, पठन पाठन एवं मूल्यांकन के विविध आयामों को ध्यान में रखकर तैयार किया जायेगा जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के अनुरूप होगा।
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उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में पाठ्यक्रम में क्या रखना है क्या हटाना है इसका पूरा खाका तैयार किया जा रहा है। इसके बाद अलग अलग विषय वस्तु को तैयार करने का काम अलग-अलग समिति करेगी। एनसीईआटी निदेशक ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किताबों का बोझ कम हो जाएगा और बच्चों को इसकी जगह नाई गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। उन्हें कोडिंग, कोई एक कौशल विकास कोर्स, योगा जैसी गतिविधियों से जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी इसके अलावा बाल्यावस्था पूर्व देखरेख एवं शिक्षा पर भी पाठ्यचर्या तैयार करेगी। इसके साथ ही स्कूली एवं प्रौढ़ शिक्षा पर भी पाठ्यक्रम तैयार करेगी। सेनापति ने कहा कि एनसीईआरटी शिक्षक शिक्षा पर पाठ्यक्रम ढांचा तैयार करने में राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीसी) की मदद करेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप छात्रों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए ‘सर्वांगीण मूल्यांकन’ की रूपरेखा तैयार करने का काम भी शुरू हो गया है।