नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु की डॉ. एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी के 33 वें दीक्षांत समारोह को शुक्रवार को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया। कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना में पारदर्शिता लाएगा और मानदंडों को युक्तिसंगत बनाएगा। यह इस क्षेत्र में मानव संसाधनों की गुणवत्ता और उपलब्धता में भी सुधार करेगा।
पीएम मोदी नेे कहा कि भारतीय स्वास्थ्य इको-सिस्टम को नई आँखों, नए सम्मान और नई विश्वसनीयता के साथ देखा जा रहा है। हालांकि, इसका अर्थ यह भी है कि दुनिया को आपसे बहुत अधिक अपेक्षाएं होंगी जो आपके युवा और मजबूत कंधों पर ज़िम्मेदारी है।
एमजीआर का शासन गरीबों के प्रति दया से भरा था, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और महिला सशक्तीकरण के विषय उन्हें प्रिय थे। कुछ साल पहले मैं श्रीलंका गया था, जहां एमजीआर का जन्म हुआ था। भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र में श्रीलंका में तमिलों के लिए काम करने के लिए सम्मानित किया गया है।
उन्होंने कहा कि मैं श्रीलंका में डिक ओया के अस्पताल के उद्घाटन समारोह को कभी नहीं भूल सकता। यह आधुनिक अस्पताल कई लोगों की मदद करेगा। स्वास्थ्य सेवा में ये प्रयास, तमिल समुदाय के लिए भी, एमजीआर को खुश करेंगे।
यह वह समय है जब आप परीक्षाओं में अंक अर्जित करने से लेकर समाज में अपनी पहचान बनाने तक का संक्रमण करेंगे। COVID-19 के समय में, भारत ने न केवल एक नया रास्ता बनाया बल्कि दूसरों की भी मदद की। आज, भारत सबसे कम मृत्यु दर और उच्च रिकवरी दर वाले देशों में से है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2014 से लेकर अब तक मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मेडिकल की पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) सीटों में 2014 की तुलना में 24,000 की वृद्धि हुई है। 2014 के मुकाबले यह 80 प्रतिशत है। 2014 में सिर्फ छह एम्स थे। लेकिन पिछले छह वर्षों में 15 और एम्स को मंजूरी मिली है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने तमिलाडु में 11 नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी है। ये मेडिकल कॉलेज उन जिलों में स्थापित होंगे, जहां इस तरह के किसी कॉलेज की सुविधा नहीं है। हर कॉलेज के लिए केंद्र सरकार दो हजार करोड़ रुपये देगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोग कोरोना महामारी के बाद से डॉक्टरों का अधिक सम्मान करते हैं, क्योंकि वे इस पेशे के बारे में अधिक जानते है। मैं आप सभी से निवेदन करता हूं कि काम करते समय अपनी सूझबूझ बनाए रखें। यह आपको अपने रोगियों को खुश करने और उनका मनोबल ऊंचा रखने में मदद करेगा।