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उत्तराखंड में कुदरत ने मचाई भारी तबाही, अबतक 47 लोगों की मौत

उत्तराखंड में बाढ़ और बारिश ने तबाही मचा रखी है। राज्य में भयानक मंजर देखने को मिल रहा है। इस तबाही ने 2013 की उत्तराखंड त्रासदी की याद दिला दी है। उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन से जुड़ी घटनाओं में अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। नैनीताल का राज्य के बाकी हिस्सों से संपर्क कट गया है। यहां हेलिकॉप्टर से लोगों का रेस्क्यू किया जा रहा है। उधर, अल्मोड़ा में काठगोदाम और दिल्ली को जोड़ने वाली रेलवे लाइन का एक हिस्सा बारिश के चलते क्षतिग्रस्त हो गया। ग्राउंड रिपोर्ट के जरिए जानिए बद्रीनाथ, केदारनाथ, नैनीताल, रामनगर, अल्मोड़ा, काठगोदाम के ताजा हालात।

उत्तराखंड में अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है। कुमाऊं क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां अब तक 42 लोगों ने बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में अपनी जान गंवा दी है। लगातार हो रही बारिश के चलते सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं. कई लोग फंसे हैं।

नैनीताल का राज्य के बाकी हिस्सों से संपर्क कट गया है। यहां लैंडस्लाइड के चलते तीन प्रमुख सड़कों को काफी नुकसान पहुंचा है। यहां वायुसेना ने दो हेलिकॉप्टर्स तैनात किए हैं, ताकि फंसे लोगों का रेस्क्यू किया जा सके। एक हेलिकॉप्टर गढ़वाल भेजा गया है। हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से कहा है कि वे घबराएं नहीं। सभी लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं।

थराली और कर्णप्रयाग के बीच नेशनल हाईवे लैंड स्लाइड के चलते कई स्थानों पर बाधित है। चमोली में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश से कई मकान ढह गए हैं। यहां कई और मकानों को खाली करा लिया है। लोग दहशत में हैं।

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अल्मोड़ा में 7 लोगोंअल्मोड़ा में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां रापड़ गांव में लैंडस्लाइन की चपेट में एक घर आ गया। इस हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। जबकि 1 महिला को सुरक्षित निकाल लिया गया।

मुख्यमंत्री धामी ने चारधाम यात्रा पर गए लोगों से अपील की है कि वे जहां पर हैं, वहीं रुकें। वे मौसम में सुधार होने तक अपनी यात्रा शुरू ना करें। उन्होंने कहा, बारिश से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। धामी ने कहा, लगातार हो रही बारिश के चलते काफी नुकसान हुआ है।

नैनीताल में माल रोड और नैनी झील के किनारे स्थित नैना देवी मंदिर में पानी भर गया है, जबकि भूस्खलन के चलते हॉस्टल की इमारत को भी काफी नुकसान पहुंचा है। भूस्खलन के चलते लोग शहर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। रामनगर-रानीखेत मार्ग पर स्थित लेमन ट्री रिसॉर्ट में लगभग 100 लोग फंस गए। इसमें कोसी नदी का पानी भर गया है।

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