लखनऊ के इन्दिरानगर क्षेत्र से पुलिस ने 10 हजार रुपये के इनामिया ठग को गिरफ्तार किया है। आरोपित ने जालसाजी कर लोगों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी की थी। आरोपित के खिलाफ राजधानी समेत मध्य प्रदेश जयपुर में भी जालसाजी के मुकदमें दर्ज हैं।
थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपित को सोमवार सुबह इलाके से गिरफ्तार किया है। पूछताछ में आरोपित ने अपना नाम आजमगढ़ महमूदपुर दीदारगंज निवासी एजाज अहमद उर्फ कमर एजाज अहमद बताया है।
पुलिस के मुताबिक आरोपित खुद को चिकित्सक बताता है। उसने खुर्रमनगर में एक बिल्डिंग किराये पर ली थी। जिसका किराया प्रतिमाह 1 लाख रुपये देता था। खुद को डाक्टर बताकर आरोपित ने राजधानी के कई प्रतिष्ठित चिकित्सकों से संपर्क किया। संपर्क में चिकित्सकों से नर्सिंग होम में पैसा लगाने को कहा। इसके अलावा लोगों से नर्सिंग होम में गाडिय़ां लगवाने का प्रलोभन दिया। जिसका प्रतिमाह 20 हजार रुपये किराये देने का दावा किया।
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जालसाज के झांसे में कई चिकित्सक और स्थानीय लोग आ गये। प्रलोभन में आकर लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा भी लगा दिया। कुछ समय बाद लोग गाड़ी का पैसा मांगने लगे। इस पर अरोपित टालमटोली करने लगा। आखिर गाड़ी मालिकों ने आरोपित के खिलाफ इन्दिरानगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपित जबलपुर मध्य प्रदेश में रहकर कैण्टीन में काम करता था। यहां लोगों को विभागों में टेण्डर दिलाने का दावा करता था। अपनी ऊंची पहुंच बताकर आरोपित ने लोगों से लाखों रुपये ठग लिए थे और भाग निकला था। आरोपित के खिलाफ 2013 में मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसके बाद 2018 में आरोपित की गिरफ्तार पर 10 हजार का इनाम घोषित किया गया था।
थाने में पहुंचा दिया मृत्यु प्रमाण पत्र
थाना प्रभारी ने बताया नटवरलाल मध्य प्रदेश पुलिस का इनामी अपराधी है। उसको मालूम था कि मध्य प्रदेश पुलिस उसे ढूंढ निकालेगी। नटवरलाल ने खुद का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा डाला। इतना ही नटवरलाल ने मृत्यु प्रमाण पत्र मध्य प्रदेश जबलपुर थाने में पहुंचा दिया। मध्य प्रदेश पुलिस को यह नहीं मालूम कि एजाज अभी जिंदा है। आरोपित 6 बार विदेश की यात्रा भी कर चुका है।