नौतपा (Nautpa) के 9 दिन बहुत ही महत्वपूर्ण मौसमी घटनाक्रम है. यह तब शुरू होती है जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में 15 दिन के लिए प्रवेश करते हैं और शुरुआत के 9 दिन धरती काफी तेज तपती है. इन्हीं शुरुआती 9 दिनों को नौतपा (Nautpa) कहा जाता है. यह आमूमन मई-जून महीने के बीच आती है.
धर्म शास्त्रों के अनुसार, चंद्रदेव रोहिणी नक्षत्र के स्वामी हैं और शीतलता के कारक हैं. ऐसे में जब सूर्य रोहिणी में गोचर करते है तो उस नक्षत्र को भी अपने प्रभाव में ले लेते हैं. इस वजह से पृथ्वी को शीतलता बिलकुल भी नहीं मिल पाती. ऐसे में तापमान बढ़ने लगता है और गर्मी काफी बढ़ जाती है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इसबार सूर्य देव 22 मई, सोमवार को सुबह 8:16 बजे रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. इस दिन से नौतपा (Nautpa) की शुरुआत हो जाएगी और रोहिणी नक्षत्र में गोचर करने के बाद सूर्य 2 जून, शुक्रवार की सुबह 6:40 बजे दूसरे नक्षत्र में प्रवेश करेंगे तब नौतपा समाप्त होगा.
वर्षा के लिए नौतपा (Nautpa) बेहद जरूरी
ज्योतिषाचार्य पंडित दशरथ नंदन द्विवेदी ने बताया कि शास्त्र के अनुसार नौतपा (Nautpa) एक प्राकृतिक नियम है. यह प्रकृति को संतुलित करने के लिए बेहद जरूरी है. ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष को जिस दिन आद्रा नक्षत्र की शुरुआत होती है उस दिन नौतपा (Nautpa) की शुरुआत होती है और स्वाति नक्षत्र समाप्त होती है. इस बीच अगर इन नक्षत्रों में जिस जगह पर वर्षा हो जाती है तो वर्षा ऋतु में इन नक्षत्र में उस जगह पर वर्षा नहीं होती और अकाल जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है.