दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने पुलिस का मुखबिर होने के संदेह में 30 वर्षीय एक शख्स की हत्या (Murder) कर दी है। एक पुलिस अधिकारी ने बुधवार को बताया कि मंगलवार रात को अज्ञात नक्सलियों के एक समूह ने अरनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत ककाड़ी गांव में हड़मा इमला को उसके घर से अगवा कर लिया। इसके बाद नक्सली उसे जंगल में ले गए, जहां उसे मौत के घाट उतार दिया।
प्रारंभिक जांच के अनुसार, नक्सलियों ने हड़मा इमला पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाया, फिर उसकी गला रेतकर हत्या (Murder) कर दी। इसके बाद उसके शव को गांव के पास फेंक कर चले गए। बुधवार सुबह घटना की सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम गांव पहुंची। इमला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया।
एक दिन पहले बीजापुर के एक गांव में नक्सलियों ने पुलिस का मुखबिर होने के शक में 2 लोगों की हत्या कर दी। ये घटना सोमवार रात को तर्रेम थाना क्षेत्र के बुगदीचेरू गांव में हुई। अज्ञात नक्सलियों ने गांव में घुसकर करम राजू (32) और माडवी मुन्ना (27) को उनके घरों से बाहर खींच लिया। इसके बाद उन्होंने धारदार हथियारों से उनका गला रेत दिया। उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
इस वारदात की सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को दी। पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस को घटनास्थल पर माओवादियों की जगरगुंडा एरिया कमेटी द्वारा जारी एक पर्चा मिला, जिसमें दोनों मृतकों पर पुलिस मुखबिर के तौर पर काम करने का आरोप लगाया गया। मृतकों में एक राजू सक्रिय नक्सली था, जिसने बाद में आत्मसमर्पण कर दिया था।
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पुलिस जांच में पता चला कि नक्सलियों ने मुन्ना पर पुलिस मुखबिर के तौर पर काम करने का आरोप लगाकर पहले भी उस पर हमला किया था। मुन्ना के बड़े भाई की कुछ साल पहले पड़ोसी दंतेवाड़ा जिले के पोटाली गांव में नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। पिछले कुछ वर्षों के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए नक्सल विरोधी अभियानों में माओवादियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
इससे पहले 26 जनवरी को नक्सलियों ने बीजापुर के भैरमगढ़ इलाके में 41 वर्षीय व्यक्ति की मुखबिर होने का आरोप लगाकर हत्या कर दी थी। 16 जनवरी को नक्सलियों ने बीजापुर के मिरतुर इलाके में 48 वर्षीय व्यक्ति की हत्या कर दी थी। पुलिस के अनुसार, बीजापुर सहित सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में पिछले साल नक्सली हिंसा की घटनाओं में 68 नागरिक मारे जा चुके हैं।