नई दिल्ली| मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमणियम ने गुरुवार को कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को इस कठिन समय में सूझबूझ के साथ कदम उठाने चाहिए ताकि जोखिम नहीं बढ़े और कर्ज की गुणवत्ता को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रौद्योगिकी खासकर डाटा विश्लेषण, कृत्रिम मेधा (एआई) और मशीन लर्निंग के उपयोग से संपत्ति की गुणवत्ता बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में सुब्रमणियम ने कहा कि एनबीएफसी को कर्ज के पुनर्वित्त से जुड़े जोखिम या संपत्ति देनदारी को लेकर अंतर और परस्पर संबंधित जोखिम को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ”नियामकों के पास इन चीजों पर नजर रखने की जिम्मेदारी है।
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सीईए ने यह भी कहा कि एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू को ध्यान में रखने की जरूरत है। इस समय उदारता जरूरी है, लेकिन 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट ने इस बात को सामने लाया कि किस प्रकार बैंकों ने फंसे कर्ज के कारण संकट में होने के बावजूद ऋण लौटा पाने में असमर्थ इकाइयों को कर्ज देना जारी रखा…उस समय चीजें ठीक नजर आई।
उन्होंने कहा कि कठिन समय में एनबीएफसी और उनके निदेशक मंडल को कर्ज को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। अवसरों का जिक्र करते हुए सुब्रमणियम ने कहा कि हाल में सरकार ने कृषि और विनिर्माण समेत कई क्षेत्रों में सुधार किए हैं। इससे नये अवसर सृजित हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वित्तीय क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका है और यह जापान तथा चीन में देखा गया।