हैदराबाद के नीलकंठ भानु बने दुनिया के सबसे तेज ह्यूमन कैलकुलेटर यह महज 20 साल की उम्र में इन्होने मेंटल कैलकुलेशन में भारत का पहला गोल्ड जीता।
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नीलकंठ का रुझान महज पांच साल की उम्र से हुआ। तब से इनका मन मैथ में लग गया। भानु कहते हैं कि गणित दिमाग का एक बड़ा खेल है और वो गणित के फोबिया को पूरी तरह मिटाना चाहते हैं। वो मेंटल मैथ्स की तुलना स्प्रिंटिंग से करते हैं। वो कहते हैं कि तेज दौड़ने वालों पर कोई सवाल नहीं उठाता, लेकिन मेंटल मैथ्स को लेकर हमेशा सवाल उठते हैं।
🥇 for India at Mental Calculation World Championship, MSO 🇬🇧
4 World Records – Fastest Human Calculator
These are just titles. My vision is to eradicate math phobia in 🇮🇳 and with @expinfi I reached to over a 2L students this lockdown though a project. There's a long way to go pic.twitter.com/DVJSrUFoIN— Neelakantha Bhanu Prakash J (@bhanuprakashjn) August 24, 2020
बचपन में भानु स्कूल से आने के बाद छह से सात घंटे तक प्रेक्टिस करते थे। लेकिन चैंपियनशिप जीतने और रिकॉर्ड बनाने के बाद से वो हर दिन इतनी फॉर्मल प्रैक्टिस नहीं करते हैं। इसके बजाए अब वो अलग तरह से प्रैक्टिस करते हैं, जिसके बारे में वो कहते हैं कि “मैं हर वक्त अंकों के बारे में सोचता रहता हूं।”
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भानु कहते हैं कि “रिकॉर्ड और कैलकुलेशन बस ये बताने का तरीका है कि दुनिया को गणितज्ञों की जरूरत है और गणित हमारे लिए मजेदार होना चाहिए, लोग कहें कि ये विषय हमें बहुत पसंद है। मेरा असली मकसद है कि वो लोगों में गणित का डर खत्म कर दें।”
भानु ने अब तक चार विश्व रिकॉर्ड और कई अन्य उपलब्धियां अपने नाम की हैं। भानु के परिवार को अपने बेटे पर बहुत गर्व है। भानु ने बताया कि “जब मैंने अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता जीती तो मेरे अंकल ने कहा था कि मुझे इतना तेज बनना चाहिए, जितना आज तक कोई हो ही ना। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं सबसे तेज ह्यूमन कैलकुलेटर बन जाऊंगा।”