उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गुरुवार को कहा कि बिजली के बिल जमा करने काउंटर पर आ रहे उपभोक्ताओं की शिकायतों का निस्तारण अधिकारी प्राथमिकता के आधार पर करें।
श्री शर्मा ने कोविड-19 एकमुश्त समाधान योजना, गर्मियों में निर्बाध आपूर्ति और उपभोक्ता सेवाओं की बेहतरी के बिंदुओं पर मध्यांचल, पूर्वांचल, पश्चिमांचल, दक्षिणांचल व केस्को की समीक्षा करते हुये कहा कि सरचार्ज माफी योजना की तिथियां 15 अप्रैल तक बढ़ाई गई हैं। हर पात्र उपभोक्ता तक विभागीय अधिकारी जरूर पहुंच जाएं। जिन उपभोक्ताओं का सरचार्ज अधिक है या उनपर ज्यादा बिल बकाया है उनका दरवाजा जरूर खटखटाया जाए।
उन्होने कहा कि हर डिस्कॉम बिजलीघरवार लक्ष्य तय कर सबको लाभ दें। बिल रिवीजन के मामलों में ढिलाई पर उन्होंने अधिकारियों से नाराजगी भी जाहिर की। लापरवाह अधिकरियों के चलते बिल जमा करने के लिए काउंटर तक आने वाले उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं, यह स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने सभी एमडी को निर्देशित किया कि वे स्वयं उपकेंद्रों का निरीक्षण करें और ऐसे मामलों में जिम्मेदारी तय करें।
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बिजली मंत्री ने कहा कि गर्मियां बढ़ रही हैं, ऐसे में निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो इसके लिए पूर्व में कई गई तैयारियों को पुनः परख लें। कहीं कोई कमी है तो उसे दूर कर लें। उन्होंने अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को निर्देश भी दिया कि वे अपने स्तर पर गर्मियों से निपटने की आवश्यक व्यवस्थाओं की समीक्षा कर लें, कहीं लापरवाही है तो जवाबदेही भी सुनिश्चित करें।
उन्होने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी सूर्यास्त के बाद भी बिजली कटौती की शिकायतें आ रही हैं। सभी एमडी इसका विशेष ध्यान रखें कि सूर्यास्त से सूर्योदय तक बिजली कटौती न की जाए। यदि कहीं ऐसा हो रहा है तो संबंधित की जिम्मेदारी सुनिश्चित हो।
श्री शर्मा ने निर्देश दिया कि सभी उपकेंद्रों पर शेड व पीने के पानी की उचित व्यवस्था हो इसका भी ध्यान रहे। कहा कि सभी उपकेंद्रों पर सरल भाषा में टैरिफ की जानकारी दी जाए। उपभोक्ताओं को डिजिटल माध्यम से भुगतान के लिए भी प्रेरित किया जाये। 1912 पर आ रही शिकायतों के निस्तारण की भी रैंडम जांच की जाए। उपभोक्ता सेवाओं की बेहतरी के लिए शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई हो। इसके लिए अधिकारियों को जवाबदेह बनाया जाए।