लखनऊ। यूपी की राजनीति में लव जेहाद इस वक्त एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों से आने वाली लव जेहाद की घटनाएं न सिर्फ सियासत में उबाल पैदा कर रही हैं, बल्कि बयानबाजियों का बाजार भी गर्म है।
पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुले मंच से कहा था कि लव जेहाद के खिलाफ कड़ा कानून बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो भी पहचान छिपाकर बहन-बेटियों की इज्जत से खेलते हैं। वह नहीं सुधरे तो उनका राम नाम सत्य होगा। अब हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची ने लव जेहाद पर खुले तौर पर कहा है कि लव जेहादियों को सरेआम फांसी की सजा देनी चाहिए। इसमें न कोई अपील हो, न ही सुनवाई, केवल और केवल ठुकाई होनी चाहिए।
‘लड़की का कराया जाता है धर्म परिवर्तन’
साध्वी प्राची ने कहा कि लव जिहाद के चलते बच्चियों का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाया जाता है। जब जबरदस्ती लड़की नहीं मानती तो उसे मौत के घाट उतारा जा रहा है। साध्वी प्राची ने कहा कि निकिता जैसी बेटी और न मरे उसके लिए कड़े से कड़ा कानून बने और जो लव जेहादी हैं। उन्हें सरेआम फांसी की सजा हो। इसे लेकर न तो कोई अपील न ही सुनवाई होनी चाहिए।
संगीत सोम ने भी दिया विवादित बयान
बीजेपी विधायक संगीत सोम ने भी लव जेहाद को लेकर बकायदा फेसबुक लाइव करके कहा है कि लव जेहादी आतंकवादियों से कम नहीं हैं। उनके साथ वैसा ही व्यवहार होना चाहिए। हाथ में कलावा बांधकर ये लोग बेटियों को छलते हैं और उनका धर्म परिवर्तित करा लेते हैं। ऐसे में इनका जवाब इन्हीं की भाषा में देना चाहिए।
यूपी में लव जेहाद नेटवर्क की तरह कर रहा काम
बता दें कि हाल के कुछ दिनों में बदांयू, मेरठ, खीरी, कानपुर में लव जेहाद के मामलों ने तूल पकड़ लिया है। यहां पिछले दिनों लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाने की बातें सामने आई हैं। बीते दिनों कानपुर के बर्रा-6 की युवती ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर धर्म परिवर्तन कर अपनी मर्जी से निकाह करने की बात कही थी। एक महीने बाद 31 जुलाई को विवाह कर लिया। कोर्ट ने कहा कि रिकार्ड से स्पष्ट है कि शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन किया गया। हाल ही में ऐसा ही मामला बरेली से भी आया, जिसमें लड़की घर से गायब हो गई फिर वायरल वीडियो में मुस्लिम लड़के से निकाह की बात कही।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने क्या कहा था?
बता दें कि धर्म परिवर्तन को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि महज शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं है। अदालत ने विपरीत धर्म के जोड़े की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि एक याची मुस्लिम तो दूसरा हिंदू है। लड़की ने 29 जून 2020 को हिंदू धर्म स्वीकार किया।