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लखनऊ डबल मर्डर में नया मोड, रेलवे अफसर की लाइसेंसी गन से चली थी गोली

लखनऊ डबल मर्डर

लखनऊ डबल मर्डर

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रेलवे अधिकारी के घर पर हुए डबल मर्डर के मामले में अब एक नया मोड़ सामने आया है। दरअसल, मां-बेटे की मौत के बाद मेडिकल जांच में पता चला है कि उन पर गोली नाबालिग बेटी की शूटिंग गन से नहीं बल्कि आरडी वाजपेई की लाइसेंसी गन से चली थी।

लखनऊ के पॉश इलाके विवेकानंद मार्ग पर अगस्त के महीने में रेलवे अधिकारी राजेश दत्त वाजपेई के सरकारी बंगले के भीतर उनकी पत्नी और बेटे की हत्या कर दी गई थी। अब मेडिकल जांच में सामने आया है कि आरडी वाजपेई की लाइसेंसी गन से गोली चली थी और पुलिस ने इस मामले को रफा दफा करने के लिए आरडी वाजपेई की गन का जिक्र अपनी रिपोर्ट में नहीं किया।

लखनऊ में डबल मर्डर : गौतमपल्ली इलाके में रेलवे अधिकारी की पत्नी व बेटे की गोली मारकर हत्या

बता दें कि बीती 29 अगस्त को आरडी वाजपेई की पत्नी मालिनी और बेटे की हत्या उन्हीं की नाबालिग बेटी ने कर दी थी। इस दोहरे हत्याकांड से हड़कंप मच गया था। मौके पर लखनऊ पुलिस के आला अधिकारियों समेत रेलवे के बड़े अधिकारियों ने पहुंच कर जांच शुरू की और चार-पांच घंटे में ही खुलासा कर दिया कि दोनों की हत्या उन्हीं के परिवार की नाबालिग बेटी ने की है।

वहीं हत्या की वजह बतायी गई कि लड़की मानसिक रूप से अस्वस्थ है और उसने डिप्रेशन में दोनों हत्याएं कीं। घटनास्थल पर किसी बाहरी के आने-जाने के सबूत भी नहीं मिले। लिहाजा ये मान लिया गया कि ये डिप्रेशन में की हत्याओं का ही मामला है। हालांकि हैरानी की बात ये है कि किसी ने ये समझने की कोशिश नहीं की कि आखिर बेहद शांत रहने वाले परिवार में अचानक ऐसा क्या हुआ कि नाबालिग लड़की ने अपने ही भाई और मां को दोपहर में सोते वक्त सिर में गोली मार दी।

लखनऊ में डबल मर्डर : पुलिस ने बताया कि रेलवे अफसर की बेटी ने ही घटना को अंजाम दिया

हालांकि इस घटना को लेकर पुलिस की लापरवाही भी दिखाई देती है। 29 अगस्त को जब बंगले में हत्या हुई तो वहां पुलिस पहुंचती उससे पहले ही रेलवे के अधिकारी पहुंच चुके थे। अधिकारियों ने किसी के कहने पर घटनास्थल पर कई चीजों से छेड़छाड़ की थी, लेकिन पुलिस ने इस बारे में कोई पूछताछ नहीं की। मौके पर यूपी के डीजीपी और लखनऊ के कमिश्नर खुद पहुंच चुके थे। जानकारी ये है कि इस मामले मे खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को मामले की ठीक से जांच करने के लिए कहा था। वो भी इसलिए क्योंकि आरडी वाजपेई के कहने पर मुख्यमंत्री से एक केंद्रीय मंत्री ने फोन करके मदद करने की बात कही थी।

-अब जब मामला इतना हाई प्रोफाइल हो तो पुलिस हर कदम फूंक-फूंक कर रखती है। शायद इसलिए पुलिस ने इस मामले को रफा दफा करने की कोशिश की। पुलिस ने बताया कि नाबालिग बेटी ने मां और भाई की हत्या खुद की प्वांइट 22 की गन से की थी। बताया ये गया कि 14 साल की नाबालिग बेटी शूटिंग की नेशनल खिलाड़ी है, लिहाजा उसके पास अपनी गन थी लेकिन हकीकत ये है कि इस हत्याकांड में इस्तेमाल की हुई गन आरडी वाजपेई की थी। जो कि लाइसेंसी .22 बोर की गन है और घर में खुले में रखी रहती थी।

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ये इस मामले का ऐसा पहलू है जिसे पुलिस ने इसलिए छुपाया ताकि आरडी वाजपेई पर कोई बात न आए। आर्म्स एक्ट के मुताबिक अगर किसी की लापरवाही से उसकी लाइसेंसी गन का गलत इस्तेमाल होता है तो उसके खिलाफ भी मुकदमा होता है। यहां तक कि उसका लाइसेंस जब्त होने के साथ-साथ जेल भी जाना पड़ सकता है। हालांकि यहां तो बात मामले को संभालने की थी तो पुलिस ने मुकदमा दर्ज करना तो दूर, आरडी वाजपेई से बंदूक का लाइसेंस भी नहीं हासिल किया।

जानकारी के मुताबिक आरडी वाजपेई की पत्नी मालिनी और उनके बच्चों को किसी भी रिश्तेदार से मिलने की इजाजत नहीं थी। सबसे बडा आरोप तो आरडी वाजपेई के ससुर विजय मिश्रा लगा रहे हैं। उनका कहना है कि एक नाबालिग लड़की अकेले इस घटना को अंजाम नहीं दे सकती। इसके पीछे कोई और है, जिसकी पूरी जांच होनी चाहिए।

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विजय मिश्रा के मुताबिक आरोपी नाबालिग लड़की किसी भी तरह से मानसिक विक्षिप्त नहीं है और न ही डिप्रेशन का शिकार है। उसे जबरन उनके दामाद आरडी वाजपेई पागल करार देने में लगे हुए हैं। ताकि इस पूरी घटना को पागलपन में की हुई घटना करार दी जा सके और इसके पीछे हत्या की असली वजह छुप सके।

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