राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार को हिजबुल मुजाहिदीन के दो ओवरग्राउंड वर्कर्स के खिलाफ आपराधिक साजिश से जुड़े एक मामले में एनआईए स्पेशल कोर्ट में सप्लीमेंटरी चार्जशीट दायर की है।
एनआईए प्रवक्ता के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के निवासी निसार अहमद शेख (52) और निषाद अहमद बट (42) के खिलाफ आरोप पत्र लखनऊ में एनआईए की विशेष अदालत में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दायर किया गया था।
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राज्य और देश के अन्य हिस्सों में विभिन्न स्थानों पर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए हिज्बुल-उल-मुजाहिदीन कैडरों द्वारा आपराधिक साजिश से सम्बंधित कामरुज जमां और अन्य के खिलाफ 12 सितम्बर, 2018 को पहली बार लखनऊ में मामला दर्ज किया गया था।
प्रवक्ता के अनुसार, एनआईए ने 24 सितम्बर, 2018 को मामला फिर से दर्ज किया और जांच अपने हाथ में ले ली थी। उन्होंने कहा कि एनआईए ने पहले 11 मार्च, 2019 को गिरफ्तार जमान और फरार आरोपी ओसामा बिन जावेद के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। जावेद बाद में उसी साल 28 सितम्बर को जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। उन्होंने कहा कि जांच से पता चला है कि जावेद को आरोपी शेख और बट ने पनाह दी थी और उसकी मदद की थी।
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प्रवक्ता के मुताबिक, शेख जावेद और हिजबुल मुजाहिदीन के अन्य आतंकवादियों के लिए सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था करता था। बट ने जावेद और अन्य हिजबुल आतंकवादियों को आश्रय और अन्य रसद सहायता प्रदान करके सहायता की थी। प्रवक्ता ने कहा कि उसने किश्तवाड़ में अपने ही घर में ठिकाना भी बनवाया था ताकि आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह मिल सके।