लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव (Nikay Chunav) में पिछड़े वर्ग को आरक्षण (OBC Reservation) देने को लेकर योगी सरकार (Yogi Government) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। गुरुवार को यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले के खिलाफ स्पेशल लीव पिटिशन दायर की है। जिस पर 2 जनवरी को कोर्ट खुलने के बाद होगी सुनवाई होगी। अपर महाधिवक्ता विनोद शाही ने बताया कि आधिकारिक तौर पर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी को फाइल कर दिया गया है। अगामी 2 जनवरी को जैसे ही कोर्ट खुलेगी तो तत्काल जल्द से जल्द सुनवाई करने के लिए सुबह ही अनुरोध किया जाएगा।
दरअसल, 5 दिसंबर को उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर निकाय चुनाव (Nikay Chunav) की आरक्षण सूची जारी की थी। जिसमें ओबीसी और एससी-एसटी के लिए सीटें आरक्षित की गई थीं। इस आरक्षण के खिलाफ हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की गई, जिसमें कहा गया कि ओबीसी आरक्षण देने में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जिस ट्रिपल टेस्ट को आवश्यक बताया गया था, उसका पालन नहीं हुआ है। मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 27 दिसंबर को प्रदेश में निकाय चुनाव जल्द चुनाव कराने का आदेश दिया। साथ ही राज्य सरकार की के ओबीसी आरक्षण को लेकर नोटिफिकेशन को भी रद्द कर दिया था।
उधर, बीजेपी अभी भी अपने फैसले पर बरकरार है और निकाय चुनाव (Nikay Chunav) में पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने के लिए योगी सरकार ने 5 सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है। ये आयोग मानकों के आधार पर पिछड़े वर्गों की आबादी को लेकर सर्वे कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगा। रिटायर्ड जस्टिस राम अवतार सिंह को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सदस्यों में चोब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार, संतोष विश्वकर्मा और ब्रजेश सोनी शामिल हैं। ये आयोग राज्यपाल की सहमति से 6 महीने के लिए गठित है, जो जल्द से जल्द सर्वे कर रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।
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गौरतलब है कि यूपी में गैर-यादव ओबीसी जातियां सबसे ज्यादा अहम हैं, जिनमें कुर्मी-पटेल 7 फीसदी, कुशवाहा-मौर्या-शाक्य-सैनी 6 फीसदी, लोध 4 फीसदी, गड़रिया-पाल 3 फीसदी, निषाद-मल्लाह-बिंद-कश्यप-केवट 4 फीसदी, तेली-शाहू-जायसवाल 4, जाट 3 फीसदी, कुम्हार/प्रजापति-चौहान 3 फीसदी, कहार-नाई- चौरसिया 3 फीसदी, राजभर-गुर्जर 2-2 फीसदी हैं। ऐसे में बीजेपी ने गैर-यादव ओबीसी जातियों को साधकर सूबे में सत्ता का सूखा खत्म किया था और यह वोटबैंक अगर खिसका तो फिर बीजेपी अपने उसी मुकाम पर पहुंच जाएगी।