नई दिल्ली। परिवहन ईंधन के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन की संभावनाओं को सच करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) बुधवार को हाइड्रोजन से चलने वाली कार (Hydrogen Car) से संसद भवन जाएंगे। वे सुबह 10 बजे संसद भवन में गेट नं 4 से प्रवेश करेंगे।
इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाज़रानी, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि देश में पायलट प्रोजेक्ट के लिए ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली कार खरीदी गई है। इसमें फरीदाबाद के तेल अनुसंधान संस्थान में उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन का प्रयोग किया जाएगा। इस कार के प्रयोग से दिल्ली के लोगों को विश्वास दिलाने की कोशिश होगी कि पानी से ग्रीन हाइड्रोजन प्राप्त कर उससे कार चलाना भी संभव है।
धुआं नहीं, पानी छोड़ती है ये कार
केंद्रीय मंत्री इस एडवांस्ड कार में सवार होकर आज संसद पहुंचे। इस दौरान स्वच्छ ईंधन पर चलने वाली यह कार लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रही। इस कार को टोयोटा (Toyota) कंपनी की पायलट प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है और इसमें एडवांस फ्यूल सेल लगाया गया है। यह एडवांस सेल ऑक्सीजन (Oxygen) और हाइड्रोजन (Hydrogen) के मिश्रण से बिजली पैदा करता है। इसी बिजली से कार चलती है। उत्सर्जन के रूप में इस कार से सिर्फ पानी निकलता है।
मैं जो बोलता हूं, वह डंके की चोट पर करके दिखाता हूं : नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री ने बताया भारत का फ्यूचर
नितिन गडकरी ने कहा कि यह कार पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है और इससे किसी तरह का प्रदूषण (Pollution) नहीं फैलता है। उन्होंने कहा कि यह कार भारत का फ्यूचर है। पेट्रोल और डीजल इंजन वाली कारों से काफी प्रदूषण फैलता है, लेकिन हाइड्रो फ्यूल सेल कार से बिलकुल भी प्रदूषण नहीं होता है।
नाम का मतलब ही है फ्यूचर
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स (Toyota) ने इंडियन मार्केट में हाल में अपनी हाउड्रोजन कार Toyota Mirai लॉन्च की। हाइड्रोजन फ्यूल सेल पर चलने वाली देश की इस पहली कार को गडकरी ने ही लॉन्च किया था। गडकरी ने इस कार को फ्यूचर यूं ही नहीं बताया। दिलचस्प बात ये है कि कार के नाम का अर्थ भी यही है। जापानी भाषा के ‘मिराई’ शब्द का मतलब ही फ्यूचर यानी भविष्य है।
ऐसे काम करती है ये कार
Toyota ने इस कार के लिए हाइड्रोजन बेस्ड फ्यूल सेल सिस्टम डेवलप किया है। दरअसल ये भी एक इलेक्ट्रिक गाड़ी है, जो हाइड्रोजन यूज कर चलने के लिए जरूरी इलेक्ट्रिसिटी बनाती है। इसके फ्यूल टैंक से हाइड्रोजन की सप्लाई Fuel Cell Stack को की जाती है। यह कार चारों ओर हवा में मौजूद ऑक्सीजन को खींचती है। फिर इन दोनों गैसों के केमिकल रिएक्शन से पानी (H2O) और बिजली जेनरेट होती है। बिजली का इस्तेमाल कार को चलाने में होता है, जबकि पानी साइलेंसर से बाहर आ जाता है।