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नीतीश कुमार ने कहा- पर्यावरण की रक्षा के लिए पेयजल का हो सदुपयोग

नितीश कुमार

नितीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए लोगों को उपलब्ध कराए जा रहे स्वच्छ पानी का सदुपयोग करने का आग्रह करते हुए कहा कि जल का दुरुपयोग होने का असर पर्यावरण और भूजल-स्तर पर पड़ेगा।

श्री कुमार ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्र की नमामि गंगे और अमरुत योजना से संबंधित बिहार में 543.28 करोड़ रुपये की सात परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में हर घर नल का जल निश्चय योजना का कार्य लगभग 80 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। ग्रामीण इलाकों में लगभग 81 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है, शेष कार्य जल्द ही पूर्ण कर लिए जाएंगे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि शुद्ध पेयजल की आपूर्ति लोगों को पीने, भोजन पकाने एवं अन्य जरूर काम के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वच्छ पानी का लोग सदुपयोग करें, इससे भू-जल स्तर मेंटेन रहेगा। उन्होंने कहा कि उनका आग्रह है कि पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से भी इस बात पर ध्यान देना होगा कि लोग पानी का सदुपयोग करें। इसका किसी भी हालत में दुरुपयोग न करें।

श्री कुमार ने कहा कि बिहार में पर्यावरण संरक्षण संबंधी कई कार्य किए जा रहे हैं। इसमें केंद्र सरकार से भी पर्याप्त सहयोग मिल रहा है। केंद्र की योजनाएं लागू होने से बिहार को भी लाभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर में नदी तट विकास योजना के तहत बुढ़ी गंडक नदी के घाट का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। इससे नदी जल के स्वच्छ होने के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। पटना में भी गंगा नदी के कई घाटों का सौंदर्यीकरण किया गया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हाल ही में ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान के समर्थन में पांच करोड़ 16 लाख से अधिक लोगों ने 18 हजार किलोमीटर से अधिक लंबी मानव श्रृंखला बनाई थी। उन्होंने कहा कि बिहार में जो काम हो रहे हैं उसके प्रति लोगों में जागृति है।

श्री कुमार ने कहा कि आबादी बढ़ने एवं अन्य कारणों से गंगा नदी का पानी स्वच्छ नहीं रहा। गंगा समेत कई नदियों को फिर से स्वच्छ रखने के लिए काम किए जा रहे हैं। गंगा किनारे बसे शहरों में नमामि गंगे परियोजना के तहत नालों के गंदे पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के माध्यम से शुद्ध कर गंगा नदी में छोड़ा जाएगा, जिससे गंगा का पानी स्वच्छ बना रहेगा। उन्होंने कहा कि पटना शहर के नाले के पानी को एसटीपी के माध्यम से शुद्ध करने की योजना पर काम चल रहा है। इस पानी का सदुपयोग सिंचाई के लिए किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया, “बिहार में केंद्र सरकार की ओर से जिन योजनाओं का काम शुरू किया गया है उसे ससमय पूरा किया जाएगा। अमरुत योजना के काम भी तेजी से कराए जाएंगे। आपकी ओर से जो भी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं उनके लिए हृदय से धन्यवाद देता हूं।”

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