उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना संक्रमितों को समुचित चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि संक्रमितों के इलाज में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आनी चाहिए।
हर प्रदेशवासी के जीवन की सुरक्षा सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही या शिथिलता अक्षम्य होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि अधिकारी उन सभी स्थानों को चिह्नित करें, जहां कोविड अस्पताल बनाए जा सकते हैं।
सीएम योगी रविवार शाम गोरखपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कलेक्ट्रेट स्थित इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण किया और वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में बन रहे 100 बेड के कोविड अस्पताल की तैयारियों का सघन जायजा लिया। उन्होंने निर्देशित किया कि हर स्थान पर सभी आवश्यक संसाधन युक्त 250 बेड के अस्पताल का लक्ष्य लेकर तैयारियों को जल्द से जल्द परिणामजन्य बनाएं।
कोरोना के विरुद्ध प्रत्येक स्तर पर आमजन की स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु पूरी ऊर्जा और संवेदनशीलता के साथ प्रदेश सरकार कार्य कर रही है।
उसी क्रम में आज जनपद गोरखपुर में ‘कोविड हेल्प डेस्क’ एवं कंट्रोल सेन्टर का निरीक्षण किया।
मैं पूरी तरह आश्वस्त हूँ कि कोरोना हारेगा, हम जीतेंगे। pic.twitter.com/v3wZrQNN7M
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) May 9, 2021
निरीक्षण के दौरान मंडलायुक्त जयंत नार्लीकर और जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन ने मुख्यमंत्री को बताया कि नॉर्मल स्थित एससी एसटी कोचिंग सेंटर में भी कोविड हॉस्पिटल बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा सहारा स्टेट स्थित क्लब हाउस के चार बड़े हाल को भी कोविड हॉस्पिटल के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी संभावना बन पड़े, वहां त्वरित गति से कार्य योजना को अंजाम तक पहुंचाएं।
60 लाख गरीब बुजुर्गों को योगी सरकार का तोहफा, खातों में भेजेगी पेंशन
गोरखपुर में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एन्ड कंट्रोल सेंटर तथा स्पोर्ट्स कॉलेज में प्रस्तावित कोविड अस्पताल के स्थान का निरीक्षण करने के बाद देर शाम गोरखनाथ मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ कोरोना नियंत्रण को लेकर संक्षिप्त बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना की जांच व इलाज में सरकार द्वारा तय रकम से अधिक रुपया मिलने की शिकायतों का अधिकारी गम्भीरता से संज्ञान लें। ओवरचार्जिंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए।