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बाढ़ राहत कार्यों में ढिलाई बर्दाश्त नहीं : योगी

योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ राहत का कार्य को सरकार की उच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि इसमेंकिसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नही की जायेगी।

पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर ने मंगलवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि बाढ़ राहत का कार्य सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में है और इसमें किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त की जायेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए बजट की कोई भी कमी नहीं है। उन्होंने बाढ़ प्रभावित जिलाें के जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि बाढ़ पीड़ितों को समय से राहत प्रदान की जाए।

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उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने जल बहाव के कटान से प्रभावित भूमि के समीप स्थित स्कूल व पंचायत भवनों में बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों के लिये शरणालय न बनाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि बाढ़ से प्रभावित जिलों में पशुओं के चारे-भूसे की उचित व्यवस्था करने के साथ-साथ पशु टीकाकरण का कार्यक्रम समय से पूर्ण कराने के निर्देश दिये गये।

श्री राजभर ने बताया कि राज्य में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिये एन0डी0आर0एफ0 की 15 टीमें तथा एस0डी0आर0एफ0 व पी0ए0सी0 की सात टीमें इस प्रकार कुल 22 टीमें तैनाती की गयी है। इस कार्य में 1,176 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़/अतिवृष्टि की आपदा से निपटने के लिये बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है।

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मंत्री ने बताया कि बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 331 बाढ़ शरणालय तथा 748 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 16 जिलों अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, बदायूं, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, देवरिया, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर के 838 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), सरयू (घाघरा) नदी, तुर्तीपार (बलिया), सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) तथा सरयू (घाघरा) नदी (अयोध्या) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 353 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 6,64,881 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं।

उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 2,717 कंुतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जिला एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।

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