उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के बीच योगी सरकार अब ब्लैक फंगस नामक बीमारी को लेकर भी अलर्ट हो गई है। राज्य के चार शहरों में ब्लैक फंगस के मरीज पाए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक कानपुर में 50, लखनऊ में 8, मेरठ में दो और वाराणसी व गाजियाबाद में एक एक मरीज मिले हैं। बीते एक सप्ताह के अंदर देश भर में बड़े ब्लैक फंगस के मामले आए हैं जिसके बाद राज्य सरकारें अलर्ट हो गई हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र में 2000, गुजरात में 100, तेलंगाना में 60 मरीज ब्लैक फंगस के मिले हैं। यूपी में ‘ब्लैक फ़ंगस’ नाम की नई बीमारी का असर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय से विस्तृत रिपोर्ट माँगी हैं। राज्य स्तरीय गठित स्वास्थ्य विशेषज्ञों की समिति से इस सम्बंध में विमर्श करें। बचाव के लिए सावधानियां,लाइन ऑफ ट्रीटमेंट, तैयारियों की विस्तृत रिपोर्ट जल्द दें।
फंगस का इलाज होता है महंगा
ब्लैक फंगस यानी म्यूकारमायकोसिस से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत हैं। ब्लैक फंगस का इलाज काफी महंगा होता है। एक इंजेक्शन 5 हजार रु का तीन माह तक इलाज चलता है। एक दिन में इलाज में करीब खर्चा 60 से 80 हजार रु करीब खर्च हुए हैं। ब्लैक फंगस तेजी के साथ आंख दिमाग की कोशिकाओं में फैलता है।
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क्या है म्यूकोरमाइकोसिस?
इंडियन काउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार म्यूकोरमाइकोसिस फंगस इंफेक्शन है, जो शरीर में बहुत तेजी से फैलता है। म्यूकोरमाइकोसिस इंफेक्शन नाक, आँख, दिमाग, फेफड़े या फिर स्किन पर भी हो सकता है। इस बीमारी में कई लोगों की आंखों की रोशनी तक चली जाती है, वहीं कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी गल जाती है।
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कोरोना के मरीजों को ज्यादा खतरा
म्यूकोरमाइकोसिस आम तौर पर उन लोगों को तेजी से अपना शिकार बनाता है जिन लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है। कोरोना के दौरान या फिर ठीक हो चुके मरीजों का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है, इसलिए वह आसानी से इसकी चपेट में आ रहे हैं। खासतौर से कोरोना के जिन मरीजों को डायबिटीज है। शुगर लेवल बढ़ जाने पर उनमें म्यूकोरमाइकोसिस खतरनाक रूप ले सकता है। यह संक्रमण सांस द्वारा नाक के जरिये व्यक्ति के अंदर चला जाता है, जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उनको यह जकड़ लेता है।
फंगस के लक्षण
नाक में दर्द हो, खून आए या नाक बंद हो जाए
नाक में सूजन आ जाए
दांत या जबड़े में दर्द हो या गिरने लगें
आंखों के सामने धुंधलापन आए या दर्द हो, बुखार हो
सीने में दर्द
बुखार
सिर दर्द
खांसी
सांस लेने में दिक्कत
खून की उल्टियाँ होना
कभी-कभी दिमाग पर भी असर होता है
किन रोगियों में ज्यादा पाया गया है:
- जिनका शुगर लेवल हमेशा ज्यादा रहता है
- जिन रोगियों ने कोविड के दौरान ज्यादा स्टेरॉइड लिया हो
- काफी देर आईसीयू में रहे रोगी
- ट्रांसप्लांट या कैंसर के रोगी
कैसे बचें
- किसी निर्माणाधीन इलाके में जाने पर मास्क पहनें
- बगीचे में जाएं तो फुल आस्तीन शर्ट, पैंट व ग्लब्स पहनें
- ब्लड ग्लूकोज स्तर को जांचते रहें और इसे नियंत्रित रखें