केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने की ज्ञान योजना (ग्लोबल इनिशियेटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स) को संशोधित करने पर विचार कर रही है।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने भाषा को बताया, ज्ञान योजना को ज्ञान प्लस योजना के रूप में संशोधित करने का प्रस्ताव है। उच्चतर शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मौजूदा ज्ञान योजना में एकतरफा सम्पर्क का प्रावधान है यानि भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाने के लिये विदेशी संकाय (एकेडमिक पर्सन) भारत आ रहे हें।
इस विषय पर मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने सिफारिश की है कि मौजूद ज्ञान योजना के पुनर्गठन की आवश्यकता है। इसके तहत संशोधित योजना का नाम ज्ञान प्लस करने का प्रस्ताव आया है। अधिकारियों ने बताया कि इसमें भारतीय शिक्षक संकायों को विदेशी संस्थानों में भी पढ़ाने का प्रावधान होगा। इससे उन्हें सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय पहल एवं अभ्यासों का अनुभव मिल सकेगा।
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विभाग का मानना है कि इससे संकाय वापस आने पर अपने संस्थान की सामग्री डिजाइन, मूल्यांकन एवं पाठ्यक्रम प्रबंधन कौशल में सुधार करके स्थायी सकारात्मक बदलाव ला सकेंगे।
गौरतलब है कि ग्लोबल इनिशियेटिव आॅफ एकेडमिक नेटवर्क्स (ज्ञान) की शुरूआत 30 नवंबर 2015 को हुई थी। इस कार्यक्रम के माध्यम से दुनिया भर के प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों आदि को भारत में उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने के लिये आमंत्रित किया जाता है। आईआईटी खडगपुर, ज्ञान के लिये राष्ट्रीय समन्वय का मुख्य संस्थान है।