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अब जेल मैन्युअल के सहारे अफसर को रोकने की तैयारी, गुमराह करने में जुटा जेल मुख्यालय

etah jail

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राकेश यादव

लखनऊ। जो काम पिछले 15 साल में नही हो पाया, वह छह महीने में कैसे हो जायेगा। यह सिर्फ एक तरीका है शासन को गुमराह करके सेवा विस्तार दिलाने का। सेवा में बने रहने के दो प्रस्ताव पर दांव खाने के बाद अब सेवा विस्तार के लिए नया फार्मूला निकाला गया है। भ्रष्टाचार के तमाम आरोपो से घिरे जेल मुख्यालय के एक अधिकारी को सेवा विस्तार दिए जाने को लेकर विभागीय अधिकारियों में कुछ ऐसे ही कयास लगाए जा रहे है। चर्चा है कि अब इस रिटायर होने वाले अधिकारी को जेल मैन्युअल संशोधन के सहारे  विभाग में बने रहने की कवायद चल रही है।

जेल मुख्यालय में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी 31 जनवरी 2021 को सेवानिवृत हो रहा है। झांसी बंदीरक्षक भर्ती घोटाले में दो स्टार पर हुई जांच में इसको दोषी बताया गया। यह अलग बात है कि सपा सरकार में इस गंभीर मामले में लीपापोती कर क्लीनचिट दे दी गई। सूत्रों का कहना है कि विभाग के उच्च अधिकारी इस अधिकारी को सेवा विस्तार दिलाने के लिए जुटे हुए है।

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बताया गया है कि बीते सप्ताह इस उच्च अधिकारी ने  शासन को एक प्रस्ताव भेजा है। इसमें कहा गया है कि विभाग में अधिकारियों की संख्या काफी कम है। विभाग में योग्य अधिकारियों की कमी है। कुछ दिनों पहले अपर महानिरीक्षक जेल प्रशासन एवम कारागार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक रिटायर हो गए। इनके स्थान पर किसी की तैनाती नही हुई है। यह पद पिछले काफी समय से खाली पड़ा हुआ है।

सूत्रों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों से सुविधा शुल्क लेकर कमाऊ जेलो पर तैनाती कराए जाने को लेकर सुर्खियों में आये इस अधिकारी को रिटायरमेंट के बाद विभाग में बनाये रखने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे है। बताया गया है कि अब इस अधिकारी को विभाग में बरकरार रखने के लिए जेल मैन्युअल संसोधन सहारा लिया गया है।

जेल मैन्युअल संसोधन में महत्वपूर्ण भूमिका बताकर इसको छह माह का सेवा विस्तार या जेल प्रशिक्षण संस्थान में बतौर ओएसडी बनाये जाने की सिफारिश की गई है। सूत्रों की माने तो विभाग के चुनिंदा अधिकारियों को छोड़कर सभी अधिकारी रिटायर होने वाले अधिकारी की कार्यप्रणाली से त्रस्त है, वहीं विभाग के कुछ अधिकारी इसको सेवा विस्तार दिलाने की जुगत में लगे है। उधर इस सम्बन्ध अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी से काफी प्रयास के बाद भी संपर्क नही हो पाया।

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तो विभाग में नही और कोई योग्य अधिकारी

लखनऊ। प्रदेश कारागार विभाग में एक अधिकारी के चक्कर मे विभाग दो भाग में बट गया है। विभाग के अधिकांश अधिकारी इस अधिकारी के रिटायर होने का इंतजार कर रहे है वही सेटिंग-गेटिंग वाले जेल अफसर इसको रुकवाने की फिराक में है। इसको लेकर विभागीय अधिकारियों में तमाम तरह की चर्चाएं आम हो गयी है। चर्चा है इस अधिकारी से योग्य विभाग में कोई और अधिकारी ही नही है। इस अधिकारी के रिटायर होकर चले जाने पर क्या जेल मैन्युअल का संशोधन नही हो पायेगा। जो काम बीते 15 साल में अभी तक नही हो पाया वह छह माह में हो जाएगा। विभाग में योग्य अधिकारियों की कोई कमी नही है। चर्चा है यह कवायद सिर्फ रिटायर होने वाले अधिकारी को विभाग में बरकरार रखने के लिए की जा रही है। चर्चा तो यह भी है कि लूटपाट करने वाले अधिकरियो की संपत्ति की जांच कराने के लिए कुछ लोग ईडी के संपर्क में भी है।

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