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अब मदरसा और संस्कृत पाठशालाओं के छात्र भी पढ़ेंगे स्पोर्ट्स की पढ़ाई

Writer D by Writer D
25/08/2021
in Main Slider, उत्तर प्रदेश, ख़ास खबर, गाजियाबाद, शिक्षा
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sports education

sports education

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भारत ने ओलंपिक खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिसके बाद युवाओं का रुझान खेलों की तरफ बढ़ने लगा है। आमतौर पर देखने को मिलता है कि प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में खेलकूद की तमाम व्यवस्था और साधन मौजूद होते हैं लेकिन बात अगर हम मदरसे या फिर संस्कृत पाठशालाओं की करें तो यहां खेलकूद के संसाधनों का आभाव भी कम दिखाई देता है। साथ ही खेलों को लेकर छात्र-छात्राओं में जागरूकता भी कम नजर आती है।

मदरसा और संस्कृत पाठशालाओं को खेलों की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए गाजियाबाद  एक संस्था द्वारा अनोखी पहल की गई है। संस्था के संस्थापक कनिष्ठ पांडे ने बताया कि यदि देश में खेल संस्कृति को विकसित करना है और एक्सपोर्ट में सुपर पावर बनना है तो किसी भी पोटेंशियल टारगेट को इग्नोर नहीं किया जा सकता है।

मदरसे में पढ़ने वाले बच्चे उर्दू भाषा से जुड़े होने के कारण उसी भाषा में स्पोर्ट्स से परिचित हों, इसके लिए “खेल कायदा” नाम से उर्दू में पुस्तक तैयार की गई है। इसी प्रकार संस्कृत विद्यालय में संस्कृत भाषा से पढ़ने वाले बच्चों के लिए संस्कृत में ही “क्रीड़ा परियाचीका” तैयार की गई है।

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इतना ही नहीं बच्चों को पढ़ाने वाले उर्दू एवं संस्कृत के अध्यापक भी अपनी भाषा में खेल से जुड़ें। इसके लिए उर्दू में “खेल सफा” किताब और संस्कृत में “क्रीड़ा एक जीवन पद्धति” तैयार की गई है। जिसका आज विमोचन किया गया है। खेलों से जो जिस भाषा के माध्यम से जुड़ना चाहे उसकी उपलब्धता होनी चाहिए. भाषा के बैरियर से खेलों के प्रकृति प्रभावित ना हो।

माना जा रहा है कि कनिष्क पांडे की इस पहल से मदरसों और संस्कृत पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चों में खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और आने वाले समय में यहां पढ़ने वाले बच्चे खेल की मुख्यधारा से जुड़ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में विभिन्न पदक जीतने में कामयाब होंगे।

अब देखना ये होगा कि स्पोर्ट्स को लेकर की जाने वाली ये पहल कितनी कारगर साबित होती है। हालांकि जिस तरह से आज मदरसों एवम संस्कृत पाठशालाओं से बच्चे एवम उनके अद्यापक आये थे, उससे यही अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय मे ये पहला खासी मददगार साबित होगी।

Tags: ghaziabad newssports educationup news
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