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पराली जलाने पर अब नहीं होगी सजा, मोदी सरकार ने मांगी किसानों की मांग

Narendra Singh Tomar

Narendra Singh Tomar

तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब मोदी सरकार ने आंदोलनकारी किसानों की एक और मांग मान ली है। मोदी सरकार ने एलान किया है कि किसान अगर खेतों में पराली जलाएंगे, तो उसे अपराध नहीं माना जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ये एलान किया।

उन्होंने कहा कि यह किसान संगठनों की बड़ी मांगों में से एक मांग थी कि पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखा जाए, इसलिए किसानों की यह मांग केंद्र सरकार ने मान ली है। दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दस दिसंबर 2015 को फसल अवशेषों पर जलाने का प्रतिबंध लगा दिया था। पराली जलाने पर कानूनी तौर पर कार्रवाई भी की जाती थी। पराली जलाते पकड़े जाने पर दो एकड़ भूमि तक 2,500 रुपये, दो से पांच एकड़ भूमि तक 5,000 रुपये और पांच एकड़ से ज्यादा भूमि पर 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता था।

इस दौरान कृषि मंत्री ने किसान संगठनों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए कहा कि कृषि कानूनों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है अब किसान आंदोलन का कोई औचित्य नहीं बनता है। किसान बड़े मन का परिचय दें। प्रधानमंत्री की घोषणा का आदर करें और अपने-अपने घर लौटना सुनिश्चित करें।

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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन 29 नवंबर को ही तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के विधेयक को सूचीबद्ध किया जाएगा। पीएम मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून बिल को वापस लिए जाने की घोषणा के बाद मोदी कैबिनेट ने भी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।

कृषि मंत्री ने कहा कि आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लिए जाने और उन्हें मुआवजा दिए जाने का अधिकार राज्य सरकारों का है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकारें मुकदमे की गंभीरता को देखते हुए अपने-अपने राज्य की नीति के अनुसार निर्णय ले सकती हैं।

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