अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 17 अप्रैल 2024 को पहली बार रामनवमी (Ram Navami) पर्व मनाया जा रहा है, इसलिए इस बार रामनवमी (Ram Navami) को लेकर विशेष उत्साह का माहौल है। पौराणिक मान्यता है कि चैत्र माह की नवमी तिथि को ही भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में अवतार लिया था। वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान राम का जन्म दोपहर 12 बजे कर्क राशि में हुआ था।
रामनवमी (Ram Navami) पर पूजा का शुभ मुहूर्त
पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, इस वर्ष रामनवमी का त्योहार बेहद शुभ होगा, क्योंकि गजकेसरी योग निर्मित होगा, जो भगवान राम की जन्म कुंडली में भी दिखाई देता है। इसके अलावा रामनवमी (Ram Navami) पर सुबह 11:40 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा।
ऐसे करें प्रभु श्रीराम की पूजा व हवन
– ब्रह्म मुहूर्त में जागकर स्नान के बाद सूर्य देव को तांबे के पात्र से अर्घ्य दें।
– कलश स्थापित कर भगवान गणेश की स्थापना करें और व्रत का संकल्प लें।
– भगवान राम लला (भगवान राम के शिशु रूप) की पूजा की जानी चाहिए।
– राम लला का आह्वान करते हुए दुग्धाभिषेक करें ।
– अभिषेक के बाद भगवान राम को नए वस्त्र पहनाएं और तिलक लगाएं।
– 108 बार राम-राम मंत्र का जाप करें।
– पूजा अनुष्ठान के बाद हवन करें।
– आखिर में आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
हवन सामग्री सूची
हवन कुंड, गाय का घी, चीनी, चावल, आम के पत्ते, चंदन की लकड़ी, बेल के पत्ते, नीम, आम की लकड़ी, नवग्रह की लकड़ी, इलायची, कपूर, तिल, पंचमेवा, पीपल की टहनियां, छाल, मुलेठी की जड़, लौंग जैसी सामग्री इकट्ठा करें। हवन के लिए गूलर की छाल, अश्वगंधा, जटामांसी नारियल, गोला, जौ आदि भी जरूर रखें।
भगवान राम को लगाएं इन चीजों का भोग
भगवान राम को पंचामृत का भोग जरूर लगाएं। इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। भोग में खीर भी शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा मीठे बेर और कंदमूल का भोग लगा सकते हैं। भोग के लिए आप घर पर केसर भात भी तैयार कर सकते हैं। भगवान राम को भोग लगाते समय इस मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से दरिद्रता से छुटकारा मिलता है।
भोग लगाते समय मंत्र
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।