हरयाणा। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आय से अधिक मामले में ओमप्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) को 4 साल की जेल और 15 लाख का जुर्माने की सजा सुनाई है। स्पेशल जज विकास ढुल की कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुनाया। कोर्ट ने चौटाला (Om Prakash Chautala) की 4 संपत्तियों को जब्त करने का भी निर्देश दिया है। ये संपत्तियां हेली रोड, पंचकूला, गुरुग्राम और असोला में हैं।
वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) को कोर्ट से ही हिरासत में लिया जाएगा। कोर्ट ने गुरुवार को दोनों पक्षों की सजा पर दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। CBI के वकील ने हरियाणा(Haryana) के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला पर जिम्मेदार पद का दुरुपयोग करने की दलील देकर अधिकतम सजा की मांग की थी। वहीं चौटाला के वकील ने उनकी 87 साल उम्र और शारिरिक रुप से 90 प्रतिशत दिव्यांगता और पहले से हिरासत में काटे गए दिनों को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम सजा की मांग की थी।
CBI को देने होंगे पांच लाख रुपए
ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) के वकील की तरफ से उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर सरेंडर करने के लिए 10 दिन का समय मांगा गया था, लेकिन कोर्ट ने नामंजूर कर दिया और कहा कि जेल में मेडिकल सुविधा मिल जाएगी। ओम प्रकाश चौटाला को अब जमानत के लिए हाई कोर्ट जाना होगा। वहीं दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने ओम प्रकाश चौटाला को आय से अधिक संपत्ति मामले में 4 साल की जेल की सजा और 50 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
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वहीं कोर्ट ने आदेश दिया है कि चौटाला को 5 लाख अलग से CBI को देना है। अगर 5 लाख नहीं देते हैं तो इन 4 सालों के आलावा 6 महीने की सजा और बढ़ जाएगी। वहीं ओम प्रकाश चौटाला की 4 संपत्तियों को भी जब्त करने के आदेश दिए गए हैं। अब ओम प्रकाश चौटाला को कोर्ट परिसर से ही हिरासत में लेकर जेल भेजा जा रहा है।
शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में 10 साल की सजा
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में 10 साल जेल की सजा काटकर पिछले साल ही रिहा हुए थे। वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे। चौटाला को साल 2013 में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में जेल भेजा गया था।
ओपी चौटाला के अलावा उनके बेटे अजय चौटाला और 53 अन्य को हरियाणा में साल 2000 में 3206 जूनियर बेसिक शिक्षकों की अवैध भर्ती के मामले में दोषी ठहराया गया था और सजा सुनाई गई थी। जनवरी 2013 में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने इन सभी को अलग-अलग कार्यकाल की जेल की सजा सुनाई थी।