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म्यांमार में तख्तापलट पर राहुल गांधी बोले-आखिर तानाशाहों का नाम क्यूं ‘एम’ से शुरू होता है?

Rahul Gandhi

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नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने म्यांमार में तख्तापलट को लेकर विवादित सवाल पूछा है। राहुल गांधी ने कहा कि आखिर ज्यादातर तानाशाहों के नाम अंग्रेजी के एक ‘M’ अक्षर से ही क्यूं शुरू होता है। इस सवाल के साथ ही उन्होंने कई तानाशाहों के नाम भी गिनाए। बता दें कि म्यामांर में तख्तापलट करने वाले सेना प्रमुख का नाम मिन आंग ह्लाइंग है, जो अंग्रेजी के ‘एम’ अक्षर से ही शुरू हो रहा है।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि आखिर ज्यादातर तानाशाहों का नाम एम से ही क्यूं शुरू होता है? साथ ही राहुल गांधी ने मार्कोस, मुसोलिनी, मिलोसेविच, मुबारक, मोबुतु, मुशर्रफ और माइकॉम्बेरो का नाम भी गिनाया।

बता दें कि मार्कोस का पूरा नाम फर्डिनेंड इमैनुएल एड्रैलिन मार्कोस था, जो फिलिपींस का राष्ट्रपति बना। उसने देश में सैन्य तानाशाही वाले कई कड़े और बर्बर कानून लागू किए। इसके अलावा, बेनितो मुसोलिनी इटली का एक राजनेता था, जिसने फासीवाद की नींव रखी।

स्लोबोदान मिलोशेविच सर्बिया का राजनेता था, जिसे तानाशाह के रूप में जाना जाता है। होस्नी मुबारक मिस्र का, कर्नल जॉसेफ मोबुतु कॉन्गो का, जनरल परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान और माइकल माइकल माइकॉम्बेरो बुरुंडी में तानाशाही शासन किया।

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बता दें कि म्यांमार में सेना ने बीते सोमवार को फिर से देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया है। सेना ने देश की सर्वोच्च नेता और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। म्यांमार की सत्ता अपने हाथ में लेने के बाद सेना ने देश में एक साल के लिए आपातकाल लागू कर दिया है। म्यांमार में तख्तापलट की दुनिया भर में निंदा हो रही है।

आजादी मिलने के बाद से म्यांमार पर ज्यादातर वक्त सेना का शासन रहा है। वर्ष 1962 में सेना यहां सत्ता पर काबिज हो गई थी। सेना की तानाशाही से देशवासियों को आजादी दिलाने और लोकतंत्र की बहाली के लिए आंग सान सू की 22 साल लंबी लड़ाई लड़ी थी, जिसके बाद 2011 में जनता की चुनी हुई सरकार बनी।

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