उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) की जान तथा आत्मनिर्भरता का आधार है।
उन्होने कहा कि कोरोना काल मे कृषि क्षेत्र के बाद प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सर्वाधिक योगदान ओडीओपी से जुड़े परम्परागत उद्यमों ने दिया है। सरकार ग्रामीण क्षेत्र में वित्तीय समावेशन के साथ गांव के गरीब, किसान, महिला, नौजवान को जोड़ने का कार्य कर उन्हें आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने में जुटी है।
श्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को 2024 तक पांच ट्रिलियन यूएस डॉलर का करने का लक्ष्य तय किया है, इसी कड़ी में हमे यूपी को एक ट्रिलियन यूएस डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार शाम तारामंडल स्थित महंत दिग्विजयनाथ स्मृति पार्क (नुमाइश ग्राउंड) में आयोजित बड़ौदा यूपी बैंक के वृहद ऋण वितरण शिविर में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ओडीओपी के जरिये एमएसएमई कम पूंजी पर रोजगार की गारंटी है। इसके स्थानीय स्तर के परिणाम का पूरे प्रदेश में व्यापक सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले हैं।
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बीते चार सालों में प्रदेश सरकार ने 50 लाख एमएसएमई इकाइयों को बैंकों से लोन दिलाकर करोड़ो लोगों को रोजगार से जोड़ने का कार्य किया है। इससे यूपी की अर्थव्यवस्था में व्यापक परिणाम आया है। पहले जहां उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में पांचवें, छठवें स्थान पर होती थी अब दूसरे स्थान पर है। प्रति व्यक्ति आय 45 हजार से बढ़कर 95 हजार पर पहुंच गई है। जल्द ही इस मामले में हम राष्ट्रीय औसत के बराबर होंगे।
श्री योगी ने कहा कि कोरोना काल में गांव लौटे प्रवासी परम्परागत उद्यमों से जुड़कर रोजी रोजगार कर रहे हैं। प्रदेश सरकार भी एमएसएमई क्लस्टर बनाकर इन्हें रोजगार दिलाने का कार्य कर रही है। इस दौरान उन्होंने दिवाली पर टेराकोटा शिल्पकारों के बढ़े व्यवसाय और उनके द्वारा कमाए मुनाफे का भी जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 7 करोड़ से अधिक जनधन खाते खोले गए हैं जिनमे से 17.5 लाख अकेले गोरखपुर में हैं। इससे सरकार की योजनाओं की पूरी रकम का लाभ लोगों को बिना भ्रष्टाचार सीधे उनके खातों में मिल रहा है।