रुद्राक्ष (Rudraksha) को अचूक और चमत्कारी माना गया है। भगवान शिव के उपासक इसकी माला धारण करते है। रुद्राक्ष धार्मिक एवं औषधीय वृक्ष है। रुद्राक्ष को धारण करने से मन को शांति मिलती है और कई प्रकार असाध्य रोगों से छुटकारा मिलता है। पौराणिके गंथों में वण्रित है कि रूद्राक्ष मुक्ति और पूर्ती का साधन है। मृत्यु लोक में भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए रूद्राक्ष बहुत सहायक है। यह एक आध्यात्मिक साधक के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हिन्दू धर्म में एक मुखी रुद्राक्ष (Rudraksha) को बेहद प्रभावशाली बताया गया है। माना जाता है कि इसे पहनने से आध्यात्मिक उन्नति और एकाग्रता प्राप्त होती है। इसके अलावा एक मुखी रुद्राक्ष छात्र वर्ग के लिए भी बहुत लाभकारी माना जाता है। इसे धारण करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है।
एकमुखी रुद्राक्ष (Rudraksha) साक्षात भगवान शिव का स्वरुप है। इस रुद्राक्ष में साक्षात महादेव निवास करते है। इस रुद्राक्ष का स्वामी सूर्य ग्रह होता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने वाला व्यक्ति स्वयं को भगवान शिव से जुड़ा हुआ पाता है।
गोलाकार और अर्ध चन्द्र जैसा दिखने वाला एकमुखी रुद्राक्ष (Rudraksha) बहुत ही पवित्र माना जाता है। हालाँकि गोलाकार एक मुखी रुद्राक्ष मिलना बहुत ही दुर्लभ है। एकमुखी रुद्राक्ष शक्ति, ऊर्जा, सत्य और मोक्ष का प्रबल स्रोत माना जाता है
इस रुद्राक्ष में धन को चुम्बक की तरह अपनी ओर खींचने का गुण है, जो जातक इस रुद्राक्ष को धारण करता है उसे कामकाज में अच्छा धन-लाभ होता है। मान सम्मान के साथ आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है। एक मुखी रुद्राक्ष में दैवीय शक्ति समाहित होती है जिनका लाभ मनुष्य को मिलता है। इसलिए बिना संकोच इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए।