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पानी के सैलाब में एक हज़ार बीघा फसल नष्ट, 8 गांव जलमग्न

उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद की खारजा नहर में इस बार पानी आया तो वो किसानों के लिए मुसीबत बन गया। नहर की पटरी कट जाने से सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गयी। कई गांवों का तो मुख्य मार्ग से संपर्क ही कट गया। पीड़ित किसानों का हाल जानने के लिए सदर विधायक गांव में पहुंचे।

जिले की खारजा नहर में पानी का सैलाब किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है । नहर की पटरी कटने से सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गयी। विधायक ने जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह से पीड़ित किसानों की फसलों का सर्वे कराने और नियमानुसार मुआवजा देने की मांग की।

अलीगढ़ से खारजा नहर निकलती है, जो फिरोजाबाद के एका इलाके के गांव देवा तक पहुंचती है। यह नहर किसानों की खुशहाली का साधन हुआ करती थी, क्योंकि इस इलाके में धान की फसल ज्यादा होती है। इस नहर में पानी आता था और फसलों की सिंचाई होती थी, लेकिन इधर यह नहर पिछले काफी समय से बंद पड़ी थी।

नहर बंद होने की वजह से इसकी पटरियां भी जर्जर हो गयी थीं। पांच दिन पहले नहर में बरसात का पानी अचानक आने के कारण, यह ओवरफ्लो हो गयी। इसकी पटरी भी कट गयी। 22 जुलाई को नहर की पटरी कटने के कारण देवा, कतना, मछरिया, प्रेमपुर, जैतपुर, सरवपुर नगला पाए, भदाना समेत कई गांवों के खेतों में पानी भर गया।

किसानों ने बताया कि पानी भर जाने से उनकी धान की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गयी। फसल खराब होने लगी हैं। इसके अलावा बाजरा की बुआई भी नहीं हो पा रही है। किसानों की शिकायत पर जसराना एसडीएम और सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और नहर के कटान को बंद कराया। कटान बंद किये जाने के बाद भी स्थानीय लोगों की मुश्किलें कम नहीं हुईं। नहर का पानी आसपास के गांवों में घुस गया। गांवों का मुख्य मार्ग से संपर्क भी कट गया। ग्रामीणों ने बताया कि अगर पानी निकालने का कोई इंतजाम नहीं हुआ तो घरों में पानी घुसने लगेगा। किसानों ने यह मांग भी की थी कि उनकी जो फसलें खराब हुई हैं। उनका सर्वे कराया जाए और उन्हें मुआवजा दिया जाए।

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