अगर आप Car या Bike खरीदने का मन बना रहे हैं, तो फिर ये खबर आपको झटका देने वाली है. दरअसल, एक अप्रैल 2023 से इनके दाम में जोरदार इजाफा देखने को मिलेगा. इसका कारण ये है कि ऑटोमोबाइल कंपनियां (Automobile Companies) इस तारीख से BS6-II उत्सर्जन मानकों के अनुरूप ही गाड़ियां बनाएंगी. इसके मुताबिक, नए उपकरण और सॉफ्टवेयर पर आने वाले खर्च की भरपाई के लिए कंपनियां ग्राहकों पर बोझ बढ़ाएंगी. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अप्रैल से कारें 50,000 रुपये तक महंगी हो सकती हैं.
नए मानकों में ये बदलाव दिखाई देंगे
BS6-II उत्सर्जन मानकों के मुताबिक, कार और बाइक्स मैन्युफैक्चरिंग करने पर वाहनों में ऐसे उपकरण लगाने होंगे, जो चलती गाड़ी के उत्सर्जन स्तर की निगरानी कर सकें. इसके लिए ये उपकरण कैटेलिक कन्वर्टर और ऑक्सीजन सेंसर जैसे कई अहम हिस्सों पर नजर रखेगा. इसके अलावा वाहनों में खर्च होने वाले ईंधन के स्तर को नियंत्रित करने के लिए प्रोग्राम्ड ईंधन इंजेक्टर का भी इस्तेमाल किया जाएगा. यह उपकरण पेट्रोल इंजन में भेजे जाने वाले ईंधन की मात्रा और उसके समय पर नजर रखने का काम करेगा. इसके अलावा वाहनों में इस्तेमाल होने वाली चिप को भी कंपनियां अपग्रेड करेंगी.
50,000 रुपये तक महंगी होंगी कारें
नए मानकों के मुताबिक, वाहनों में नए उपकरण और सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से वाहन निर्माता कंपनियों की लागत में इजाफा होगा. इसके साथ ही उत्पादन लागत बढ़ने की वजह से खरीदारों के लिए वाहनों की कीमत भी बढ़ाई जाएगी. यहां बता दें कि जब 1 अप्रैल 2020 में बीएस 6-I उत्सर्जन मानक लागू किए गए थे, तब भी कारों की कीमत में 50 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी देखने को मिली थी.
वहीं अब एक स्टेज और ऊपर आने पर ऑटोमोबाइल सेक्टर के एक्सपर्ट इस बात की संभावना जता रहे हैं कि कारों के दाम मॉडलों के अनुसार, 15,000 से 50,000 रुपये और एंट्री लेवल के दोपहिया वाहनों की कीमत करीब 10 फीसदी बढ़ सकती है. कमर्शियल वाहनों के दाम में भी 5 फीसदी तक का इजाफा देखने को मिल सकता है.
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कारों और बाइक्स के दाम में एक अप्रैल से होने वाली बढ़ोतरी उनके मॉडल और इंजन क्षमता के मुताबिक, अलग-अलग होगी. BS6-II उत्सर्जन मानक लागू होने पर भारतीय बाजार में मिलने वाली गाड़ियां यूरो-6 स्टेज के उत्सर्जन मानकों के बराबर होंगी. एमिशन नॉर्म्स में हालिया बदलाव बीएस 4 से बीएस 6 के बाद यूरो 6 हैं. बता दें यूरोप में उत्सर्जन मानदंडों में यूरो 6 सितंबर 2014 में ही लागू कर दिया गया था.
यूरो 6 उत्सर्जन मानकों को वाहनों के निकलने वाले हानिकारक प्रदूषकों को कम करने के लिए लागू किया गया था. वहीं अब भारत में लागू यूरो 6 उत्सर्जन मानक में डीजल के साथ-साथ पेट्रोल इंजनों से NOx (नाइट्रोजन ऑक्साइड्स), SOx (सल्फर ऑक्साइड्स), COx (कार्बन ऑक्साइड्स) और डीजल इंजनों से PM (पार्टिकुलेट मैटर) की कमी करना शामिल है.
छोटी कारों की कीमतें ज्यादा बढ़ेंगी
वाहन निर्माता कंपनियां पहले से तैयार की गईं बीएस 6-I गाड़ियों का स्टॉक खत्म होने तक इनकी सेल जारी रखेंगी और ये खत्म होने के बाद सिर्फ BS6-II मानकों के अनुसार ही गाड़ियों की मैन्युफैक्चरिंग करेंगी. एक्सपर्ट्स की मानें तो नए मानक लागू होने के बाद छोटी कारों, खासतौर पर डीजल इंजन की कारों की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. छोटे इंजन (1.5 लीटर) वाली कारों में हालांकि, नए मानकों के अनुरूप बदलाव थोड़ा मुश्किल होगा. कुल मिलाकर अप्रैल की शुरुआत वाहन खरीदारों की जेब का खर्च बढ़ाने वाली साबित होगी.