किसान कानूनों को लेकर किसानों के बीच बीच फैले भ्रम को दूर करने उत्तर प्रदेश के झांसी पहुंची केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने सोमवार को विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि नये कृषि कानूनों से न तो मंडियां खत्म होंगी और न ही किसान की एमएसपी , हां इसके बाद यदि कुछ खत्म होगा तो वह है विपक्ष दलों की जमीन।
कृषि कानूनों पर यहां विकास भवन में पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नये कानूनों से मंडी या एमएसपी को खत्म करने जैसी कोई बात नहीं है बल्कि हमारी सरकार ने तो मंडियों को ई-मंडी में बदलने का काम किया है। ऐसे भ्रम फैलाकर विपक्ष अपनी ही जमीन खोने के काम में लगा है।
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उन्होंने इन कानूनों पर भाजपा के सहयोगी अकाली दल की हरसिमरत कौर के इस्तीफे के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि किसी के राजनीतिक हित नहीं सधते तो वे छोड़कर चले जाते हैं भला इसमें हम क्या कर सकते हैं। गरीब को एक दिन में डेढ़ रुपए मिलने की बात पर उन्होंने कहा कि केन्द्र ने कोरोना काल में इतना दिया तो था अगर विपक्ष के लोगों को यह कम लग रहा था तो वह अपनी ओर से उसमें कुछ मिलाकर दे देते। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम केवल विरोध करना रह गया है। चाहें कोई बात हो सरकार का कोई काम हो , उसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर विचार किये बिना ही वह केवल विरोध में लगे रहते हैं।
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हाथरस की घटना पर पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी इसे देख रहे हैं। वे दूध का दूध,पानी का पानी करके छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वह आज यहां किसान बिल पर बात करने आई हैं,उसी पर बात करेंगी। दिल्ली में किसानों द्वारा जलाए गए ट्रैक्टर के मामले में उन्होंने कहा कि कोई किसान ट्रक में लादकर लाया गया ट्रैक्टर जलाएगा क्या ? उन्होंने कहा हाथरस मामले में राहुल को राजस्थान व पंजाब में हो रहे मामलों को ध्यान देना चाहिए था। वहां क्यों नहीं गए। यहां अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने क्यों आ गए ?
उनकी सरकार के शासनकाल में सबसे अधिक हो रहे रेप कांड के मामले में उन्होंने कहा कि इससे पहले तो मामले ही दर्ज नहीं होते थे। आज सारे मामलों को ध्यान देकर दर्ज कराया जा रहा है। इस दौरान उनके साथ बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा, गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत, महानगर अध्यक्ष मुकेश मिश्रा, प्रयांशु डे आदि मौजूद रहे।