पुणे| महाराष्ट्र के पुणे शहर के पास स्थित एक निजी डेंटल कॉलेज ने अपने 150 से अधिक छात्रों से कहा है कि वे कालेज में ही दो सप्ताह तक पृथक-वास में रहें। इसके साथ ही अगले महीने परीक्षा देने के लिए उपस्थित रहें। कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में वृद्धि के बीच यह आदेश जारी किया पया है।
पिंपरी उपनगर में स्थित डीवाई पाटिल डेंटल कॉलेज एवं अस्पताल के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के छात्रों ने बताया कि उनसे कहा गया है कि वे अपने गृह जिले से निकलने से पहले कोरोना वायरस की जांच कराएं। इसके साथ ही परीक्षा से कम से कम से दो सप्ताह पहले कॉलेज पहुंचकर पृथक-वास में रहें।
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छात्रों और उनके माता-पिता ने कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए परीक्षा स्थगित करने की मांग की थी। हालांकि कॉलेज के अधिकारियों ने कहा कि परीक्षा के दौरान जांच, सामाजिक दूरी और स्वच्छता संबंधी सभी नियमों का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परीक्षा वर्ष के पूर्वार्द्ध में होनी थी लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के चलते इसे टालना पड़ा।
नाम उजागर न करने की शर्त पर एक छात्र के रिश्तेदार ने कहा, ‘‘प्रबंधन ने छात्रों से कहा है कि वे सितंबर के पहले सप्ताह में कॉलेज पहुंच जाएं और दो सप्ताह तक पृथक-वास में रहें। इसके बाद तीसरे सप्ताह में परीक्षा में बैठें।’’उन्होंने कहा, ‘‘पुणे और पिंपरी चिंचवड में स्थिति के बारे में सभी को पता है। इसके अलावा कॉलेज परिसर में एक कोविड-19 पृथक-वास केंद्र भी है। इन सबके बावजूद कॉलेज छात्रों से उपस्थित होकर परीक्षा देने के लिए कह रहा है।’’परिजन के मुताबिक छात्रों से कहा गया है कि वे अपना शहर छोड़ने से पहले कोरोना वायरस जांच करवाएं। कालेज डॉ डीवाई पाटिल विद्यापीठ डीम्ड विश्वविद्यालय से संबद्ध है।
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विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एनजे पवार ने आश्वासन दिया है कि कॉलेज ने बीडीएस और एमडीएस के 150 से अधिक छात्रों की परीक्षा कराने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं छात्रों और उनके माता-पिता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि परीक्षा के दौरान कॉलेज में जांच, सामाजिक दूरी और स्वच्छता संबंधी सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम मेडिकल पाठ्यक्रम की परीक्षा करवा चुके हैं और उनके नतीजे घोषित किए जा चुके हैं। परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सभी छात्र संकट के इस समय काम कर रहे हैं।’’उन्होंने कहा कि पृथक-वास में रहने के लिए छात्रावास उपलब्ध हैं। कुलपति ने कहा, ‘‘159 छात्रों को परीक्षा देने में कठिनाई नहीं होनी चाहिए क्योंकि 250 लोगों के बैठने की जगह उपलब्ध है।’’