बहुचर्चित पीएफआई मामले में सात महीने बीतने के बाद भी मांट पुलिस जेल में बंद पीएफआई के चार सदस्य अतीकुर्रहमान, मसूद, आलम, सिद्दीकी कप्पन पर शांति भंग का आरोप सिद्ध करने में नाकाम साबित रही। जिसके चलते बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलील पर उपजिलाधिकारी ने इन चारों लोगों को मुक्त किए जाने के आदेश मंगलवार को जारी कर दिए हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर माह में पड़ोसी जनपद हाथरस में एक युवती से दुराचार के बाद हत्या के मामले को लेकर पूरे प्रदेश के समाजसेवी और विभिन्न संगठनों के लोगों का हाथरस में जमावड़ा लगा था, जिसे रोकने के लिये पूरे मंडल में पुलिस सतर्क थी।
इसी सतर्कता में मांट पुलिस ने यमुना एक्सप्रेस वे टोल प्लाजा से मसूद, आलम, सिद्दीकी कप्पन को शान्ति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जिसमें इन्हें एक-एक लाख रूपये के व्यक्तिगत मुचलके न दाखिल करने पर जेल भेज दिया गया।
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यह चारों आरोपित अभी भी जेल में है, इनके अधिवक्ता मधुवन दत्त चतुर्वेदी ने इस मामले की पैरवी की, जिसमें मंगलवार उपजिलाधिकारी मांट ने पुलिस द्वारा धारा 116 (8) खण्ड प्रक्रिया संहिता समाप्त करने और आरोपितों को अभिरक्षा से मुक्त किये जाने के आदेश जारी किये हैं।