Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में व्याख्यान का आयोजन

उर्दू विभाग में व्याख्यान Khwaja Moinuddin Chishti Language University

उर्दू विभाग में व्याख्यान

 

लखनऊ। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के तत्वावधान में शनिवार को एन0 सी0 पी0 यू0 एल0 नई दिल्ली के आर्थिक सहयोग से “मजाज़ लेक्चर सीरीज” के अंतर्गत एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। उक्त व्याख्यान दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. इब्ने कंवल ने “दास्तान की जमालियात” विषय पर दिया।

इस विषय पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि किस्सागोई मानव प्रवृत्ति का एक महत्वपूर्ण अंग है जो हर व्यक्ति में मौजूद रहता है। दास्तान उस दौर की पैदावार है जब इंटरटेनमेंट और मनोरंजन के साधन बहुत सीमित थे। ऐसे वक्त में दास्तान और किस्सागोई ने जहां एक तरफ समाज को नई दुनियाओं की सैर कराई, वही उसने समाज, संस्कृति और भाषा को संजो कर रखने और उसे नया आयाम देने में भी सफल योगदान दिया।

छात्रा की ‘ना’ के बाद लगा दी फर्जी मुकदमों की झड़ी, CM से हुई शिकायत तो हटाए गए SP

किस्सागोई के बदलते स्वरूप की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि एक दौर था जब दास्तानें बहुत ज़्यादा लिखी और सुनाई जाती थी, लेकिन फिल्मों का दौर आते ही, दास्तानों का दौर कम होना शुरू हो गया । आज दास्ताने उस रूप में नहीं लिखी जा रही हैं जैसे पहले लिखी जाती थी पर उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि जब भी कोई गुज़रे हुए जमाने और उस दौर के समाज को जानने – पहचानने की कोशिश करना चाहेगा तो यह दास्ताने उसका साथ देंगी।

अंत में उन्होंने कहा कि इतिहास और दास्तान में यही फर्क है कि इतिहास हमारे सामने बादशाहों की कहानी बयान करता है और दास्तान हमें इंसानों की कहानी सुनाती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. मसूद आलम, अधिष्ठाता, कला एवं मानविकी संकाय ने की। कार्यक्रम का संयोजन, उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष, प्रो. एस.एस.ऐ. अशरफी ने किया एवं डॉ. अकमल शादाब ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में डॉ. फखरे आलम, डॉ सौबान सईद , डॉ. मोहम्मद जावेद अख्तर, डॉ. अब्दुल हफीज, डॉ. आज़म अंसारी एवं बड़ी संख्या में शिक्षक एवं छात्र उपस्थित रहे।

Exit mobile version