देश को ऑक्सीजन संकट से उबारने के लिए तीनों सेनाएं युद्ध स्तर पर अपने-अपने तरीके से जुटीं हैं। दूसरी तरफ दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी बरकरार है। अब दिल्ली कैंट के आर्मी बेस हॉस्पिटल में भी ऑक्सीजन का संकट खड़ा हो गया है जिससे कई मरीजों की जान खतरे में है।
हालांकि रक्षा मंत्रालय को अलर्ट भेजा गया है लेकिन इसके साथ ही बाहर से अतिरिक्त ऑक्सीजन की व्यवस्था करने की कोशिश की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इससे पहले तीनों सेनाओं के प्रमुखों और सीडीएस जनरल बिपिन रावत से कोविड संकट के दौरान किये जा रहे इंतजामों के बारे में जानकारी ले चुके हैं।
दिल्ली के बेस हॉस्पिटल की गिनती सेना के बड़े अस्पतालों में होती है और अब इसे ‘कोविड अस्पताल’ के रूप में बदल दिया गया है। दिल्ली के कई अस्पताल पहले ही ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं लेकिन अब आर्मी बेस अस्पताल में भी सप्लाई का संकट खड़ा हो गया है। दिल्ली सरकार द्वारा अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई न किये जाने से मंगलवार को आर्मी बेस अस्पताल में ऑक्सीजन का संकट खड़ा हो गया है ।
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इस आर्मी बेस अस्पताल को हर दिन 125 जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ती है, लेकिन आवंटित कोटे से कम आपूर्ति होने से सेना के इस अस्पताल को भी जरूरत के मुताबिक सप्लाई नहीं मिल पा रही है। अब रक्षा मंत्रालय के सामने इस मसले को उठाया गया है और साथ ही बाहर से अतिरिक्त ऑक्सीजन की व्यवस्था करने की कोशिश की जा रही है।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 2 मई को रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर सेना की मदद मांगी है ताकि दिल्ली में आईसीयू बेड वाले अस्पताल, ऑक्सीजन का बफर स्टॉक और क्रायोजेनिक टैंकर्स की व्यवस्था करने में सेना की मदद मिल सके। इस मामले पर सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई भी हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि दिल्ली सरकार के सेना की मदद के आग्रह पर आपने क्या फैसला किया है। इस पर केंद्र सरकार की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली सरकार के आग्रह पर रक्षा मंत्री विचार कर रहे हैं।
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सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर में भी दिक्कत
आईटीबीपी द्वारा संचालित किए जा रहे छतरपुर स्थित सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर पर भी ऑक्सीजन सप्लाई में कमी है। दिल्ली सरकार को 500 बेड्स के इस अस्पताल में कुल 350 बेड्स के लिए 7 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देना था लेकिन जरूरत भर की आपूर्ति नहीं हो पाई है।
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आईटीबीपी का कहना है कि अभी तक यहां पर कुल 720 लोग भर्ती हुए हैं, जबकि 301 डिस्चार्ज भी हो चुके हैं। करीब 57 गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भेजा गया है। जिला प्रशासन के मुताबिक इस बार यहां 5000 बेड लगाये जाने हैं जिसमें से 500 लगाए जा चुके हैं। केयर सेंटर को पंडित मदनमोहन मालवीय अस्पताल से सम्बद्ध किया गया है जहां से जरूरी स्वास्थ्य उपकरण मुहैया कराए जाएंगे।