नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी से लोगों को निजात दिलाने के लिए दुनिया भर में टीकाकरण अभियान जारी है, लेकिन इसके उलट पाकिस्तान आज भी फ्री की कोरोना वैक्सीन के भरोसे है।
पाकिस्तानी न्यूज चैनल ने बताया कि इमरान खान सरकार अपने लोगों की सुरक्षा के लिए इस साल कोरोना वैक्सीन की खरीदारी नहीं करेगी। यह जानकारी नेशनल हेल्थ सर्विसेज के सेक्रेटरी आमिर अशरफ ख्वाजा ने गुरुवार को पब्लिक अकाउंट्स कमेटी की ब्रीफिंग के दौरान दी है। उन्होंने बताया कि इमरान सरकार फिलहाल कोरोना महामारी से निपटने के लिए हर्ड इम्यूनिटी और साथी देशों से मुफ्त में मिलने वाली कोरोना वैक्सीन पर निर्भर रहेगी।
बता दें कि जानलेवा बीमारी कोरोना से अपने देशवासियों को बचाने के लिए कई देश बड़ी संख्या में कोरोना की वैक्सीन खरीद रहे हैं, लेकिन इसके उलट पाकिस्तान टीकों की खरीदारी के बजाय अंतरराष्ट्रीय डोनर्स और चीन जैसे साथी देशों पर निर्भर रहेगा। वह इस ताक में है कि अन्य देश उसे मुफ्त में कोरोना के टीके मुहैया कराएं।
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लोकलेखा समिति (पीएसी) चेयरमैन राणा तनवीर हुसैन ने नेशनल हेल्थ सर्विसेज (एनएचएस) के सेक्रेटरी से पूछा कि क्या मुफ्त में मिलने वाली कोरोना वैक्सीन का इंतजार किया जा रहा है? इस पर उन्हें जवाब मिला कि पाकिस्तान को कोरोना की ज्यादा वैक्सीन नहीं खरीदनी पड़ेगी।
बता दें कि चीन की एक अन्य कंपनी भी पाकिस्तान में अपने टीके के तीसरे फेज का ट्रायल कर रही है। ऐसे में यह बात साफ है कि पाकिस्तान कोरोना वायरस के टीके के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और खासतौर पर चीन से भरोसे बैठा है।
बता दें, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मेजर जनरल आमिर इकराम कहना है कि चीन द्वारा निर्मित कोरोना वैक्सीन के एक डोज की कीमत 13 डॉलर है।
वहीं, एनएचएस के सेक्रेटरी ने बताया कि चीन की फार्मास्यूटिकल कंपनी सिनोफार्म ने पाकिस्तान को कोरोना टीके की 10 लाख खुराक देने का वादा किया है। इनमें से पांच लाख खुराक पाकिस्तान को दे दी गई है।
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अब तक मिली खुराकों में से पाकिस्तान ने दो लाख 75 हजार डोज कोरोना मरीजों की देखरेख में लगे स्वास्थ्य से जुडे़े लोगों को दी है। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान का लक्ष्य इस साल के अंत तक सात करोड़ लोगों को टीका देने का है।
उल्लेखनीय है कि ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन्स एंड इम्यूनाइजेशन (गावी) के जरिये भारत निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजनेका की कोरोना वैक्सीन की एक करोड़ 60 लाख मुफ्त खुराकें भी पाकिस्तान को मिल सकती हैं, जिससे यहां की 20 प्रतिशत आबादी को टीका लग सकेगा।
बता दें, गावी संस्था को वर्ष 2000 में स्थापित किया गया था, जिसका उद्देश्य दुनिया के गरीब देशों को वैसी बीमारियों का टीका मुहैया कराना है, जिन्हें वैक्सीन के जरिये रोका जा सकता है।