नई दिल्ली। पाकिस्तान पीएम इमरान खान वैक्सीन लगवाने के दो दिन बाद कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। बता दें कि इमरान खान ने गुरुवार को कोरोना वैक्सीन का पहला टीका लगवाया था। हाल ही में पाकिस्तान को चीन से करीब पांच लाख कोरोना वैक्सीन दान में मिले हैं। पीएम इमरान खान ने इसके बाद टीका लगवाया।
पाकिस्तान को चीन से वैक्सीन साइनाफार्मा की दूसरी खेप हाल ही में मिली है। रावलपिंडी के नूरखान एयरपोर्ट पर पाक अधिकारियों ने इस खेप को प्राप्त किया। पाकिस्तान में यह एकमात्र कोरोना वैक्सीन उपलब्ध है। इसके दो डोज लगवाना जरूरी हैं। इससे पहले चीन ने एक फरवरी में भी पाकिस्तान को पांच लाख टीके भेजे थे। इसके बाद देश में टीकाकरण शुरू हुआ था।
पाकिस्तान में अब तक 6,15,810 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। 10 मार्च से देश में आम लोगों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया जा चुका है। शुरुआत में बुजुर्गों को टीके लगाए जा रहे हैं। जबकि फरवरी में स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए गए थे।
मनसुख हिरेन केस की जांच अब करेगी एनआईए, गृह मंत्रालय का आदेश जारी
अल जजीरा न्यूज चैनल के अनुसार, पाकिस्तान में टीकाकरण की गति धीमी है। आम लोगों की बजाए अधिकारियों की ज्यादा टीके लगाए जा रहे हैं। पाकिस्तान को इसी माह एस्ट्राजेनेका की ओर से 28 लाख टीके मिलने की उम्मीद है। पाकिस्तान ने साइनाफार्मा के अलावा एस्ट्राजेनेका व रूस की स्पूतनिक वैक्सीन को भी आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने कम से कम 70 फीसदी आबादी को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन देने की योजना बनाई है। उसे कई देशों से वैक्सीन मिल रही है, जिसमें चीन से लेकर ब्रिटेन और रूस शामिल हैं। ब्रिटेन ने भी पाकिस्तान को वैक्सीन की दो करोड़ 80 लाख खुराक देने का वादा किया है। वहीं, कोवैक्स योजना के तहत भी पाकिस्तान को मार्च के आखिर तक एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की 56 लाख खुराक मिलेगी।
पाकिस्तान में टीकाकरण अभियान तो चल रहा है, लेकिन यहां काफी लोग ऐसे भी हैं जो वैक्सीन लेने से कतरा रहे हैं। पिछले साल दिसंबर में आईपीएसओएस के जरिए किए गए एक सर्वे ने पाया गया था कि पाकिस्तान के करीब 40 फीसदी लोग कोरोना का टीका नहीं लेना चाहते हैं। हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक फैसल सुलतान ने न्यूज चैनल दुनिया टीवी से कहा था कि कई स्वास्थ्यकर्मी भी ऐसे हैं, जो वैक्सीन नहीं लेना चाहते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पाकिस्तान को अपने टीकाकरण अभियान को पूरा करने में सालों लग सकते हैं।