कराची। पाकिस्तान और तालिबान शासित अफगानिस्तान के बीच सीमा विवाद खत्म होने के बजाए बढ़ता जा रहा है। एक तरफ जहां तालिबान सीमा पर पाकिस्तानी सेना के कंटीले तारों से बने बाड़ को उखाड़ने में लगा है, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान सीमा पर तार लगाने का अपना काम जारी रखे हुए है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान-अफगान सीमा पर कंटीले तारों का बाड़ लगाने की योजना के अनुसार जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सीमा पर बाड़ लगाने में हमारे शहीदों का खून बहा है और ये काम नहीं रुकेगा।
पाकिस्तान के मेजर जनरल इफ्तिखार ने ये बातें रावलपिंडी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही। उन्होंने कहा कि डूरंड रेखा (पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच की अंतर्राष्ट्रीय रेखा) पर सीमा पर बाड़ दोनों तरफ के लोगों की सुरक्षा और व्यापार को नियमित करने के प्रयास में की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर बाड़ सुरक्षा, बॉर्डर क्रॉसिंग और व्यापार को रेगुलेट करने के लिए जरूरी है। इसका उद्देश्य लोगों को बांटना नहीं, बल्कि उनकी रक्षा करना है।’
‘सुरक्षा के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति’
मेजर जनरल इफ्तिखार ने माना कि पश्चिमी बॉर्डर पर पाकिस्तान की सुरक्षा की स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सीमा विवाद को लेकर अफगानिस्तान से कई स्तर पर बातचीत चल रही है। मेजर जनरल ने जानकारी दी कि पाकिस्तान अफगानिस्तान से लगी सीमा पर बाड़ लगाने का काम कुछ दिनों के अंदर पूरा कर लेगा।
उन्होंने कहा, ‘पाक-अफगान सीमा पर बाड़ लगाने का काम 94 प्रतिशत पूरा हो गया है। हम पूरी तरह से फोकस्ड हैं। वेस्टर्न बॉर्डर मैनेजमेंट के तहत जो बाड़ लगाने का काम चल रहा है, वह कुछ समय में पूरा हो जाएगा।’
‘हमारे सैनिकों का खून बहा है’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम समय के साथ और मजबूत किया जाएगा। मेजर जनरल बोले, ‘इस बाड़ को खड़ा करने में हमारे शहीदों का खून बहा है। यह शांति की बाड़ है। इसे पूरा किया जाएगा और ये हमेशा यूं ही रहेगी।’
उन्होंने यह भी कहा कि सीमा सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए फ्रंटियर कॉर्प्स बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के 67 नए विंग 2021 में स्थापित किए गए थे। छह और विंग स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
जब उनसे ये पूछा गया कि क्या पाकिस्तान सरकार ने बाड़ उखाड़े जाने को लेकर अफगानिस्तान से अपना विरोध जताया है तो उन्होंने कहा कि वेस्टर्न बॉर्डर मैनेजमेंट ही इसे संभाल रहा है। उन्होंने तालिबान के सैनिकों द्वारा बाड़ उखाड़े जाने की घटना को स्थानीय समस्या करार देते हुए कहा कि दोनों देशों की सरकारें इस मुद्दे पर बात कर चुकी हैं।
उन्होंने कहा, ‘हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं। हम एक-दूसरे को समझते हैं और अलग-अलग मुद्दों पर बात करते रहते हैं जो सामने आते रहते हैं। कोई समस्या नहीं है, बाड़ लगाने का काम चल रहा है और जारी रहेगा।’
यह है पूरा विवाद
पिछले साल दिसंबर के महीने में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें ये देखा गया कि तालिबानी सैनिक पाकिस्तान के सैनिकों द्वारा लगाए बाड़ उखाड़ रहे हैं। तालिबानी सैनिकों ने पाकिस्तानी सेना के बाड़ लगाने के सामान भी जब्त कर लिए थे।
तालिबान के खुफिया विभाग के एक अधिकारी ने सुरक्षा चौकियों पर तैनात पाकिस्तानी सैनिकों को चेतावनी दी थी कि वो दोबारा सीमा पर बाड़ न लगाएं। तालिबान के रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि ये गैर-कानूनी है। तालिबान कहता रहा है कि वो इस सीमा को नहीं मानता।
इसके बाद भी सोशल मीडिया पर तालिबान द्वारा बाड़ को उखाड़ फेंकने के कई वीडियो सामने आए। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भी इस सीमा विवाद को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान इस मसले पर चुप नहीं है। बाड़ हमने लगाई है और हमारा प्रयास जारी रहेगा। अफगानिस्तान हमारा दोस्त और पड़ोसी देश है। उनके साथ हमारे संबंध हैं और जो कुछ दिक्कतें आई हैं, हम राजनयिक तरीकों से उन्हें दूर कर लेंगे।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा 2640 किलोमीटर लंबी है। पाकिस्तान इस सीमा पर बाड़ लगाने के लिए अरबों रुपए खर्च कर रहा है। सीमा की निगरानी के लिए बड़ी संख्या में चौकियां भी बनाई जा रही है।
वहीं, अफगानिस्तान सीमा पर बाड़ लगाने का विरोध करता आया है। तालिबान का कहना है कि जब तक डूरंड रेखा पर सीमा विवाद सुलझ नहीं जाता, किसी तरह की बाड़ लगाना जायज नहीं है।