पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान को आईना दिखाया है। उन्होंने कहा, ‘इस्लामाबाद प्रायोजित आतंकवाद दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य होने में सबसे बड़ी बाधा है।
पहले पाकिस्तान उस पर रोक लगाए फिर शांति को लेकर बातचीत करे। ‘ कैप्टन ने ये भी कहा, ‘भारत में घुसपैठ अब भी जारी है। हर दिन सीमा पर भारतीय सैनिक अपनी जान गंवा रहे हैं। पाकिस्तान पंजाब के भीतर ड्रोन के जरिए हथियार और ड्रग्स भेज रहा है। मेरे राज्य में अशांति पैदा करने की कोशिश की जा रही है। सबसे पहले इसे बंद किया जाना चाहिए।’
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दरअसल पाकिस्तान सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने गुरुवार को कहा कि यह भारत और पाकिस्तान के लिए ‘अतीत को भूलने और आगे बढ़ने’ का समय है। उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच शांति से दक्षिण और मध्य एशिया में विकास की संभावनाओं को ‘खोलने’ में मदद मिलेगी। जनरल बाजवा ने इस्लामाबाद सुरक्षा वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि विवादों के कारण क्षेत्रीय शांति और विकास की संभावना अनसुलझे मुद्दों के कारण हमेशा बंधक रही है। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह समय अतीत को भूलने और आगे बढ़ने का है।’
गौरतलब है कि भारत ने पिछले महीने कहा था कि वह पाकिस्तान के साथ आतंक, बैर और हिंसा मुक्त माहौल के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध की आकांक्षा करता है। भारत ने कहा था कि इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है कि वह आतंकवाद और शत्रुता मुक्त माहौल तैयार करे।
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जनरल बाजवा के बयान से एक दिन पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसी स्थान पर यही बयान दिया था। खान ने बुधवार को कहा था कि उनके मुल्क के साथ शांति रखने पर भारत को आर्थिक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा था कि इससे भारत को पाकिस्तानी भू-भाग के रास्ते संसाधन बहुल मध्य एशिया में सीधे पहुंचने में मदद मिलेगी।