पूरे यूपी में पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो रहा है, लेकिन प्रतापगढ़ में मतदान के दिन कई जगह जबरदस्त हंगामा हुआ। इस दौरान प्रतापगढ़ पुलिस पर एक पक्षीय कार्रवाई का भी आरोप लगा।
प्रतापगढ़ में पिछले पंचायत चुनाव में मतपेटियां लूटने के बाद चुनाव आयोग ने डीएम और एसपी सहित जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित किया था। इस बार भी प्रशासन ने पिछले चुनाव से सबक नहीं लिया। प्रतापगढ़ के सांगीपुर के मुरैनी गांव में मतदान के दिन सुबह दोनों पक्ष में कहासुनी हुई। हालांकि पुलिस के पहुंचने के बाद मामला शांत हो गया।
फिर प्रशासनिक लापरवाही के कारण शाम 6:00 बजे फिर से दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए प्रदीप मिश्रा समेत चार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। हालांकि, पुलिस ने प्रदीप मिश्रा की शिकायत पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया। इस मामले में प्रदीप मिश्रा ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया।
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प्रदीप मिश्रा का आरोप है कि पुलिस दूसरे पक्ष से मिली हुई है। उस दिन की घटना का जिक्र करते हुए प्रदीप मिश्रा ने कहा कि मेरी पत्नी चुनाव लड़ रही हैं, मतदान के दिन मैं घर पर था, सैकड़ों की संख्या में लोग बूथ की तरफ जा रहे थे, मैंने उन्हें रोकने की कोशिश की तो मेरे साथ मारपीट करने लगे, मेरे सिर पर चोट लग गई और विपक्षी फायरिंग करते भाग गए।
प्रदीप मिश्रा का आरोप है कि इस हमले में मेरे लोग घायल हुए, फिर भी पुलिस ने उलटा मेरे ऊपर ही मुकदमा दर्ज कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस भी इस मामले में पहले पक्ष से मिली हुई है। प्रदीप का कहना है कि मैंने एक दर्जन लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर दी है, पुलिस अभी भी हमें और हमारे लोगों को मारपीट रही है।
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वहीं, प्रतापगढ़ पुलिस की अपनी दलील है। पुलिस का कहना है कि जिले के 10 मतदान केंद्रों पर बवाल हुआ था. इस मामले में अब तक 160 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने 10 मतदान केंद्रों पर 29 अप्रैल को फिर से मतदान कराने का आदेश दिया है।
निर्वाचन आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में जिलाधिकारी ने कहा है कि मतदान के दिन बवालियों ने मतदान केंद्रों में घुसकर तोड़फोड़ की है, जिसमें पीठासीन अधिकारियों ने मुकदमा दर्ज कराया है।