सांबा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने रविवार को कहा कि पंचायती राज व्यवस्था भारत को विकास की नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का सशक्त माध्यम बन सकती है।
श्री मोदी ने पंचायतों के संसाधनों के वाणिज्यिक प्रयोग कचरे से कंचन तथा बायो सीएनजी जैसी पहल के माध्यम से आय के नए स्त्रोत निकालने और पंचायत स्तर पर जल प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि पंचायत हो या संसद इनमें से कोई भी काम किसी से छोटा नहीं है और हर स्तर पर काम कर रहा व्यक्ति देश के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के हटने के बाद पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का जम्मू-कश्मीर के एक गांव में आयोजन बड़े परिवर्तन का संकेत है।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर सांबा जिले के पल्ली पंचायत में आयोजित कार्यक्रम के जरिए देशभर के पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों का कुपोषण और एनिमिया (शरीर में रक्त की कमी) से बचाव की पहल के बारे में जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान करते हुए कहा कि सरकार इसके लिए पौष्टिक तत्व से युक्त चावल (फोर्टिफाइड चावल) वितरित करने का अभियान चला रही है। उन्होंने कहा कि यह काम पंचायत स्तर पर लोगों की भागीदारी से ही संभव होगा।
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श्री मोदी ने पंचायत स्तर पर जल प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी के महत्व पर बल देते हुए कहा कि इस समय तीन लाख पंचायतों में पानी समितियां बन चुकी हैं। जिनमें 50 प्रतिशत महिलाएं और 25 प्रतिशत कमजोर वर्ग के लोगों के प्रतिनिधि्तव की व्यवस्था है। हर राज्य में पानी समितियों का गठन जरुरी है।
श्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने अनुभव का उल्लेख करते हुए कहा कि महिलाएं पानी के महत्व को जानती हैं और पानी के प्रबंध में उनपर पूरा भरोसा किया जा सकता है।
उन्होंने कहा,“ पंचायत स्तर पर पानी के प्रबंध के बारे में अबतक सात लाख लोगों को परशिक्षण दिया जा चुका है और मैं चाहता हूं कि इसका दायरा बढ़े और यह काम तेजी से हो। पानी के काम में जितना ज्यादा महिलाओं पर भरोसा करेंगे उतना ही समस्या का समाधान जल्द होगा।”
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श्री मोदी पंचायतों की आय बढ़ाने के लिए उनके संसाधनों के वाणिज्यिक प्रयोग पर ध्यान देने का सुझाव दिया और कहा कि इसके लिए गांव-गांव में एनजीओ के माध्यम से रणनीति बनानी होगी। कचरे और अपशिष्ट के बेहतर प्रबंध और छोटे-छोटे बायो सीएनजी संयंत्र लगाकर पंचायतों के लिए अतिरिक्त कोष जुटाए जा सकते हैं।
इस अवसर प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर में पन बिजली का उत्पादन बढ़ाने और सड़क संपर्क के विस्तार की 20 हजार करोड़ की परियोजनाओं का शिलायंन्या और उद्धाटन किया। कार्यक्रम को केंद्रीय पंचायत राज मंत्री गिरिराज सिंह, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भी संभोधित किया।