हर महीने एकादशी तिथि मनाई जाती है। इस दिन एकादशी व्रत का पालन किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, एकादशी का व्रत रखने और भगवान विष्णु की उपासना करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi) व्रत रखा जाता है।
इस दिन विधि-विधान से विष्णु जी की पूजा की जाए, तो कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए, जानते हैं कि परिवर्तिनी एकादशी की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व क्या है।
परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi) तिथि और शुभ मुहूर्त
पंडित आशीष शर्मा के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 25 सितंबर सुबह 01 बजकर 55 मिनट से शुरू हो रही है, जो कि 26 सितंबर सुबह 05 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi) व्रत 26 सितंबर, मंगलवार को रखा जाएगा। वहीं, 27 सितंबर के दिन इस व्रत का पारण किया जाएगा।
परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi) महत्व
परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi) व्रत गणेश उत्सव के दौरान रखा जाता है। गणेश उत्सव में भगवान गणेश और विष्णु जी की उपासना का सौभाग्य प्राप्त होता है। माना जाता है कि परिवर्तिनी एकादशी के दिन व्रत रखना, स्वर्ण दान और वाजपेय यज्ञ के समान ही माना जाता है।
इस विशेष दिन को जलझूलनी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन वामन देव की भी पूजा की जाती है। वामन देव की पूजा से व्यक्ति रोग, दोष से मुक्त होता है।