उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेण्डर भरवाने के संबंध में बड़ा निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने शनिवार को संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि यदि कोविड मरीज के परिजन ऑक्सीजन सिलेण्डर को भरवाने जाते हैं तो उन्हें रोका न जाए।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि मरीज के परिजनों के साथ संवेदनशील व्यवहार किया जाना अपेक्षित है। कहीं भी किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार की कोई भी सहायता की आवश्यकता हो तो उसके तुरन्त सहायता दी जाय। इसके अलावा कोविड संक्रमित मरीज के परिजन को ऑक्सीजन सिलेण्डर को भरवाने जाते हैं तो उन्हें रोका न जाय।
श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि अस्पतालों में बनाये गये प्रभारी अधीक्षक व नोडल अधिकारी अपने अस्पतालों में भर्ती होने वाले कोविड संक्रमित मरीजों के परिवारजनों से संवाद करते हुए भर्ती मरीज की जानकारी देना सुनिश्चित कराएंगे।
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उन्होंने बताया कि सेक्टर प्रभारी तथा पुलिस अधिकारी कोविड से सम्बंधित व्यवस्थाओं के सम्बंध में अस्पतालों का निरीक्षण करते रहें। ग्रामीण एवं शहरी निगरानी समिति बाहर से आने वाले लोगों की पहचान कर रही है तथा कोविड लक्षण होने पर उनकी एन्टीजन टेस्ट करवा रही है। इन समिति के सदस्यों के पास आॅक्सोमीटर तथा थर्मामीटर दिया गया है, जिससे होम आइसोलेशन वाले मरीजों की माॅनीटरिंग कर रहे हैं।
हर जिले की दो सीएचसी में 20 ऑक्सीजन कन्सीलेटर की हो रही व्यवस्था
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रत्येक जनपद की दो सीएचसी में 20 ऑक्सीजन कन्सीलेटर की व्यवस्था करायी जा रही है। इस तरह ग्र्रामीण क्षेत्र में मेडिकल किट के साथ-साथ आॅक्सीजन की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
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उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी द्वारा आज 01 मई से प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया का शुभारम्भ अधिक संक्रमित वाले 07 जनपदों के लिए किया गया है। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से 44 वर्ष वाले लोग साॅफ्टवेयर के माध्यम से अपना पंजीकरण कराकर वैक्सीनेशन करा सकते हैं, बिना पंजीकरण वाले 18 से 44 वर्ष के आयु वाले लोगों का वैक्सीनेशन नहीं किया जायेगा।
मुख्यमंत्री का संसाधन बढ़ाने पर जोर
सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा टीम-9 की समीक्षा की गयी, जिसमें उन्होंने संसाधन बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा कोविड अस्पताल के बेडों को ऑक्सीजन बेड में तब्दील करने के लिए कहा गया है।
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अस्पतालों में प्रशिक्षित मानव संसाधन के लिए एक्स सर्विस मैन, सेवानिवृत्त चिकित्सक, आर्मी के रिटायर्ड लोग, अनुभवी पैरामेडिकल स्टाफ, मेडिकल एवं पैरामेडिकल के अन्तिम वर्ष के छात्र-छात्राओं की सेवाएं ली जायेगी।
केंद्र द्वारा प्रतिदिन रेमेडेसीवीर के 50,000 वॉयल का नया आवंटन
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में रेमेडेसीवीर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रतिदिन 50,000 वॉयल का नया आवंटन किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जा रही है। इसी क्रम में कल 631 मी0 टन ऑक्सीजन की सप्लाई की गयी है। जामनगर (गुजरात) दुर्गापुर, बरजोरा (पश्चिम बंगाल) राउरकेला से ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई जा रही है।
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उन्होंने बताया कि कल मुख्यमंत्री जी गन्ना किसानों वर्चुअली संवाद किया। उन्होंने बताया कि पिछले साल गन्ना किसानों का शत-प्रतिशत भुगतान किया गया है। विगत 04 वर्षों में 01 लाख 33 हजार करोड़ का भुंगतान गन्ना किसानों को किया गया है। तथा वर्तमान में गन्ना मिलों में 60 प्रतिशत से अधिक का भुगतान कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है।
पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी हुई गेहूं की खरीद
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद किये जाने हेतु 6000 क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। एक नई व्यवस्था के तहत कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को भी क्रय केन्द्र खोलने की अनुमति दी गयी है। उन्होंने बताया कि किसान उत्पादक संगठन 150 केन्द्रों के माध्यम से संचालित किया जायेगा।
उन्होंने जिलाधिकारियों के द्वारा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को भी क्रय केन्द्रों से जोड़कर गेहूं क्रय का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। यह व्यवस्था प्रदेश में पहली बार हो रही है। 01 अप्रैल से 15 जून तक गेहू खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहू क्रय अभियान में अब तक 12,30,519.80 लाख मी0 टन से अधिक गेहूं खरीदा गया है। जो पिछले वर्ष से दोगुना अधिक है।