उत्तर प्रदेश के एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने समाजवादी पार्टी (सपा)अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा राज्य सरकार के कामकाज पर की गई टिप्पणी को बेबुनियाद और तथ्यों से परे बताया है।
श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने यहां जारी बयान में कहा कि सपा अध्यक्ष ने ऐसा चश्मा पहन रखा है कि उन्हें राज्य सरकार के कार्य दिखायी नहीं पड़ते। जमीनी हकीकत से दूर हुए लोगों को वास्तविकता की जानकारी नहीं होती। श्री यादव की ताजा बयानबाजी भी इसी बात का जीता-जागता उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों का 36 हजार करोड़ रुपए का ऋण माफ किया। समाजवादी पार्टी की सरकार के मुकाबले प्रदेश की वर्तमान सरकार ने किसानों से एमएसपी पर 08 गुना अधिक उपज की खरीद की। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार हुए हैं, लेकिन श्री यादव को यह दिखायी नहीं पड़ता।
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एमएसएमई मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य को लेकर अत्यन्त संवेदनशील है। कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में उत्तर प्रदेश अव्वल है। राज्य में प्रतिदिन लगभग डेढ़ लाख टेस्ट हो रहे हैं, जिससे कोरोना की रोकथाम सम्भव हो पा रही है। लेकिन यह भी उन्हें नहीं दिखायी देता।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 04 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के लिए एमओयू हुए थे। इसमें से 02 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश जमीन पर उतारा गया है। एक लाख करोड़ रुपए के निवेश को धरातल पर उतारने के लिए कार्य हो रहा है। कोरोना काल में भी 10 देशों ने राज्य में 07 हजार करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव दिया है। लेकिन श्री अखिलेश यादव को अपने जादुई चश्मे के कारण यह भी दिखायी नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख अपने गिरेबान में झांकें और प्रदेश की जनता को बताएं कि उनके कार्यकाल में कितने एम0ओ0यू0 हुए और उनका क्या नतीजा रहा।
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श्री सिंह ने कहा कि योगी सरकार अपराधियों और गुण्डों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इन आपराधिक प्रवृृत्ति के तत्वों ने अवैध कब्जे कर रखे थे। बिना नक्शे के निर्माण कार्य करा रखा था। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा की सरकार इन तत्वों को संरक्षण दे रही थी। इसीलिए सपा अध्यक्ष को इन आपराधिक प्रवृृत्ति के लोगों के अवैध कब्जे पुश्तैनी लगते हैं। योगी सरकार अवैध कब्जा और बिना नक्शे के निर्माणों पर बुलडोजर चलवाकर जमीन को वापस लोगों के बीच ला रही है। इसके लिए जनता योगीराज की सराहना कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गुण्डों और माफियाओं के खिलाफ की जा रही कड़ी कार्रवाई पर उन्हें दर्द होना हैरानी पैदा करता है।
उन्होंने कहा कि हाथरस मामले में राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में एफिडेविट देकर कहा कि मामले की जांच सीबीआई से करायी जाए। अदालत द्वारा मामले की जांच की निगरानी की जाए। आज उच्चतम न्यायालय भी राज्य सरकार द्वारा कही गयी बात का समर्थन कर रहा है। इससे मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। जो लोग मामले को उत्तर प्रदेश से बाहर ले जाकर इसका ट्रायल कराना चाहते थे, सर्वोच्च न्यायालय उनके विरुद्ध निर्णय दे दिया है। इससे षडयंत्रकारी लोगों का एक प्रकार से पर्दाफाश हो गया है।