जंजीरों में बंधी नजर आ रही मुस्लिम महिलाओं की यह तस्वीर एडिटेड है। मूल तस्वीर वर्ष 2003 में बगदाद में ली गई थी, जिसमें एडिटिंग की मदद से महिलाओं के पैरों में जंजीर को जोड़ कर उसे गलत दावे के साथ वायरल कर दिया गया।
अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद सोशल मीडिया पर ऐसी कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसे तालिबान की वापसी से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। ऐसी ही वायरल हो रही एक तस्वीर में एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति के पीछे बुर्का पहने तीन महिलाओं को जाते हुए देखा जा सकता है। तस्वीर में तीन महिलाओं के पैर में जंजीर बंधी हुई हैं, जिसका एक सिरा आगे चल रहे अधेड़ उम्र के व्यक्ति के हाथों में नजर आ रहा है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रही तस्वीर अल्टर्ड या एडिटेड है। मूल तस्वीर सड़क पर चलते हुए सामान्य लोगों की है, जिसमें एडिटिंग की मदद से जंजीर को जोड़ा गया है।
क्या है वायरल पोस्ट में
ट्विटर यूजर ‘Kshatrani इशिका Singh कान्हे’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”कभी सामन्त तो कभी अत्याचारी कभी जातिवादी तो कभी लूटेरे जाने कैसी कैसी उपाधियों से नवाजा कभी जयचंद्र तो कभी मानसिंह पर आरोप लगाए,कभी जोधा का नाम लेकर नीचा दिखाया गया तो कभी महाराणा या सांगा के युद्ध हार जाने की दुहाई देकर,जब जब राष्ट्र ने प्राणों की आहुति मांगी क्षत्रिय जान हथेली।”