नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान शुरू हो चुका है। इसी बीच शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने वैक्सीन पर सवाल खड़े किए हैं। तिवारी ने टीकों के इस्तेमाल की मंजूरी की प्रकिया पर सवाल खड़े करते हुए शनिवार को दावा किया कि टीकों के आपात उपयोग की स्वीकृति देने के लिए कोई नीतिगत ढांचा नहीं है।
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उन्होंने ट्वीट किया कि टीकाकरण आरंभ हो गया है और यह अजोबो-गरीब है कि भारत के पास आपात उपयोग को ऑथोराइज करने का कोई नीतिगत ढांचा नहीं है। फिर भी दो टीकों के आपात स्थिति में नियंत्रित उपयोग की अनुमति दी गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोवैक्सीन की अलग ही कहानी है। इसे उचित प्रक्रिया के बिना अनुमति दी गई।
गंभीर दुष्परिणाम होने पर मुआवजा देगी कोवैक्सीन
भारत बायोटेक ने साफ कर दिया है कि वैक्सीन के दुष्परिणाम नजर आने पर लाभार्थी को मुआवजा दिया जाएगा। इतना ही नहीं कंपनी ने अपने फॉर्म में इसे खास तौर से लिखा है। शुक्रवार को जारी कंसेंट फॉर्म में लिखा है कि वैक्सीन की वजह से कोई भी गंभीर साइड इफेक्ट्स होने की स्थिति में लाभार्थी को सरकार के तय किए हुए और अधिकृत अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। महाराष्ट्र समेत 11 राज्यों ने कोवैक्सीन को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, कंपनी ने अभी वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल पूरे नहीं किए हैं।